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रेल मंत्री ने प्रयागराज, महाकुम्भ में रेल कर्मयोगी के अथक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया और उनकी प्रशंसा की!
महाकुम्भ 2025 के दौरान रिकॉर्ड 17000 से अधिक ट्रेनें चलाई गईं!
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श्री अश्विनी वैष्णव ने प्रयागराज का दौरा किया, महाकुम्भ के दौरान अद्भुत कार्य हेतु रेल परिवार – सभी को बधाई दी!
नई दिल्ली, 27 फरवरी 2025: माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने महाकुम्भ 2025 के लिए भारतीय रेल की व्यापक तैयारियों की स्व-समीक्षा करने के लिए सुबह प्रयागराज का दौरा किया। इस भव्य धार्मिक समागम के पैमाने और महत्व को पहचानते हुए, उन्होंने जमीनी परिचालन का आकलन करने के लिए उत्तर मध्य रेल (एनसीआर), उत्तर पूर्व रेल (एनईआर) एवं उत्तर रेल (एनआर) के तहत विभिन्न स्टेशनों का दौरा किया। अपने इस दौरे के दौरान, उन्होंने रेलवे कर्मियों के साथ बातचीत की, प्रमुख व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया; श्री वैष्णव ने विभिन्न विभागों के मध्य निर्बाध समन्वय की भी सराहना की और सभी तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित, कुशल व सुखद यात्रा की सुविधा के लिए भारतीय रेल की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस सम्पूर्ण आयोजन के दौरान रेल मंत्री ने माननीय प्रधानमंत्री को उनके निरंतर मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया और श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व संख्या को संभालने में सहयोग के लिए माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव और पड़ोसी राज्यों की सरकारों को भी उनके सतत सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। रेल मंत्री ने रेल कर्मयोगियों के उत्कृष्ट समर्पण की सराहना की अपनी यात्रा के दौरान, रेल मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और इस तरह के आयोजन के प्रबंधन में भूमिका निभाने वाले रेलवे कार्यबल के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति अपनी सराहना व्यक्त की। यात्रियों की सहायता करने वाले फ्रंटलाइन कर्मयोगियों से लेकर सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस कर्मियों तक, निर्बाध ट्रेन संचालन को बनाए रखने वाले इंजीनियरों से लेकर सफाई कर्मचारियों तक एवं चिकित्सा सहायता प्रदान करने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से लेकर यात्रा को सुविधाजनक बनाने वाले हेल्प डेस्क अधिकारियों तथा बुकिंग कर्मचारियों तक – सभी के योगदान को सराहा।
रेल मंत्री द्वारा रेल कर्मयोगियों के समर्पण को सराहा गया
उन्होंने टीटीई, ड्राइवरों, सहायक ड्राइवरों, सिग्नल और दूरसंचार कर्मियों, टीआरडी और इलेक्ट्रिकल टीमों, एएसएम, नियंत्रण अधिकारियों, ट्रैकमैन और रेलवे प्रशासकों के प्रति भी आभार व्यक्त किया, जिनके समन्वित प्रयासों से इस विशाल उपक्रम का सुचारू निष्पादन सुनिश्चित हुआ। उन्होंने पहली से आखिरी पंक्ति तक हर कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने स्टेशनों पर जाकर पहली से आखिरी पंक्ति तक हर कर्मचारी से मिलकर धन्यवाद ज्ञापित किया व उत्साहवर्धन किया और सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिन्होंने लाखों तीर्थयात्रियों के लिए महाकुम्भ 2025 का निर्बाध अनुभव सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे अथक प्रयास किया।
अभूतपूर्व रेल संचालन
महाकुम्भ 2025 के लिए भारतीय रेल ने अपनी प्रारंभिक संचालन योजना से कहीं अधिक सेवाएँ प्रदान कीं। कुल 17,152 ट्रेनों का संचालन किया गया, जो कि नियोजित 13,000 ट्रेनों से अधिक था और पिछले कुंभ की तुलना में चार गुना वृद्धि दर्शाता है। इसमें 7,667 विशेष ट्रेनें और 9,485 नियमित ट्रेनें शामिल थीं, जिससे श्रद्धालु सुचारू और कुशल यात्रा कर सकें। महाकुम्भ में कुल 66 करोड़ श्रद्धालु सम्मिलित हुए, जिनमें से केवल प्रयागराज के नौ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 4.24 करोड़ यात्रियों के लिए प्रबंधन किया गया।
प्रयागराज क्षेत्र में यात्री सुविधाओं में वृद्धि
बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए, भारतीय रेल ने प्रयागराज के नौ प्रमुख स्टेशनों पर व्यापक अवसंरचना और परिचालन संवर्द्धन लागू किया, जिसमें आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए दूसरा प्रवेश द्वार, 48 प्लेटफ़ॉर्म और 21 फ़ुट ओवर ब्रिज (FoB) का निर्माण किए गए। अत्याधिक संख्या को नियंत्रित करने के लिए फ़ेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (FRT) और ड्रोन निगरानी सहित 1,186 सीसीटीवी कैमरों के साथ निगरानी को सुदृढ़ किया गया। अत्यधिक व्यस्ततम समय में भीड़भाड़ को प्रबंधित करने के लिए 23 स्थायी होल्डिंग एरिया स्थापित किए गए, जबकि मल्टीलैंग्वेज अनाउंसमेंट और 23 भाषाओं में बुकलेट द्वारा यात्री सुविधाओं को बेहतर किया गया। 151 मोबाइल यूटीएस काउंटर और एक क्यूआर-आधारित प्रणाली सहित 554 काउंटरों के साथ टिकट सुविधाओं का विस्तार किया गया। इसके अतिरिक्त, निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए 21 रोड ओवर और अंडर ब्रिज (आरओबी/आरयूबी) का निर्माण किया गया।
सुदृढ़ चिकित्सा और आपातकालीन तैयारियां
भारतीय रेल ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी चिकित्सा और आपातकालीन सहायता प्रणाली लागू की। जिला अधिकारियों के समन्वय में केंद्रीकृत सहायता डेस्क, चिकित्सा सुविधाएं, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड एवं मोबाइल टॉयलेट तैनात किए गए, जबकि स्टेशनों पर अतिरिक्त खानपान सेवाओं की व्यवस्था की गई। यात्रियों के सुचारू आवाजाही को बनाए रखने के लिए, पार्सल यातायात को प्रतिबंधित किया गया और कुशल रूप से कर्मचारियों की तैनाती एवं समायोजन के लिए एक ऐप-आधारित प्रणाली शुरू की गई। रेक, कोच एवं इंजनों की निरंतर निगरानी ने परिचालन दक्षता सुनिश्चित की, जबकि समर्पित प्रयासों से एक महीने के भीतर वाराणसी-प्रयागराज खंड में अंतिम 34 किमी ट्रैक लिंकिंग को तेजी से पूरा करने में मदद मिली।
भारतीय रेल की प्रतिबद्धता का प्रमाण
महाकुम्भ 2025 संचालन का निर्बाध निष्पादन भारतीय रेल की सार्वजनिक सेवा के प्रति अटूट समर्पण का प्रमाण है। बहुस्तरीय समन्वय और उन्नत भीड़ प्रबंधन के माध्यम से, रेलवे नेटवर्क ने लाखों श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक पहुंचाया। इस असाधारण प्रयासों के प्रति धन्यवाद करते हुए, रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने पूरे रेल कार्यबल के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनके अथक समर्पण ने सभी के लिए सुचारू और कुशल यात्रा सुनिश्चित की। उनकी प्रतिबद्धता और टीम वर्क ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर परिचालन उत्कृष्टता में एक नया मानदंड स्थापित किया है, जिससे देश की परिवहन प्रणाली की रीढ़ के रूप में भारतीय रेल की भूमिका अधिक प्रभावी हुई है।
महाकुम्भ-2025 के दौरान भारतीय रेल द्वारा की गई तैयारियां:
● सभी मालगाड़ियों को डीएफसी में डायवर्ट किया गया।
● कुम्भ क्षेत्र में +200 रेक उपलब्ध कराए गए, जिसमें दोनों तरफ से ट्रेन सेट या इंजन हैं। (शंटिंग संचालन से बचने के लिए)
● महाकुम्भ क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में 5,000 करोड़ निवेश व विकास कार्य हुआ।
○ बनारस-प्रयागराज दोहरीकरण (गंगा पुल सहित)
○ फाफामऊ-जंघई दोहरीकरण
● महाकुम्भ के लिए 13,000 निर्धारित ट्रेनों के बदले 17,152 ट्रेनें चलाई गई, जो पिछले कुम्भ से 4 गुना अधिक हैं (विशेष ट्रेनें, 7,667 और नियमित ट्रेनें 9,485 = 17,152)
● कुम्भ में आने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 66 करोड़ (जिनमें से प्रयागराज के 9 कुम्भ रेलवे स्टेशनों पर 4.24 करोड़ यात्रियों द्वारा यात्रा की गई)
प्रयागराज क्षेत्र में यात्री सुविधाएं
● 9 रेलवे स्टेशन, सभी पर दूसरा प्रवेश द्वार, 48 पीएफ, 21 एफओबी
● 1,186 सीसीटीवी (फेस रिकॉग्नाइजन वाले 10% कैमरे), निगरानी के लिए ड्रोन
● 23 स्थायी होल्डिंग क्षेत्र
● प्रयागराज, नैनी, छिवकी और सूबेदारगंज में 12 भाषाओं में घोषणा और 23 भाषाओं में सूचना बुकलेट
● 554 टिकट काउंटर (151 मोबाइल यूटीएस) और क्यूआर आधारित टिकटिंग सुविधा
● 21 आरओबी/आरयूबी: सड़क के साथ-साथ रेल की गतिशीलता में सुधार
● कलर कोडिंग: यात्रियों की सरलता से पहचान और दिशा-वार अलग-अलग मार्गदर्शन के लिए होल्डिंग क्षेत्रों एवं टिकटों की कलर कोडिंग।
– लाल: लखनऊ, अयोध्या
– नीला: डीडीयू, सासाराम, पटना
– पीला: मानिकपुर, झांसी, सतना, कटनी, एमपी क्षेत्र
– हरा: कानपुर, आगरा, दिल्ली
● 5 स्तरीय निगरानी प्रणाली:
पीएफ/ होल्डिंग एरिया → स्टेशन → डिवीजन → जोनल → रेलवे बोर्ड वॉर रूम
● 13,000 अतिरिक्त कर्मचारी तैनात
● आरपीएसएफ महिला टीम की 2 बटालियन, 22 डॉग स्क्वॉड, 1000 से अधिक सफाई कर्मचारी, 1,500 से अधिक टीटीई और बुकिंग कर्मचारी, 3,000 से अधिक रनिंग स्टाफ (गार्ड, ड्राइवर और सहायक ड्राइवर)
● 3 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई
विशेष व्यवस्था की गई
● महत्वपूर्ण स्टेशनों पर यात्रियों के लिए 20 एकड़ क्षेत्र में पर्याप्त होल्डिंग एरिया बनाए गए।
● यात्रियों की आवाजाही को नियंत्रित करने और मार्गदर्शन करने के लिए फिक्सड बैरिकेडिंग, अलग-अलग रास्ते व साइनेज।
● 24 x 7 रेल जनशक्ति की तैनाती: पीक समय में अधिक कर्मचारी।
○ भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्काउट/गाइड की मदद।
● मुख्य सचिव, डीजीपी, जिला कलेक्टरों और एसपी, मजिस्ट्रेट और थानों के साथ समन्वय
फोकस्ड
● व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से राज्य सरकार के साथ बेहतर समन्वय व निगरानी एवं भीड़ की आवाजाही + बल्क बस मूवमेंट + वाहनों की आवाजाही की लाइव निगरानी की गई।
● अतिरिक्त टिकट व्यवस्था: होल्डिंग क्षेत्रों में अतिरिक्त खिड़कियां (पोर्टेबल यूटीएस काउंटर)
● पीए सिस्टम और मेगाफोन द्वारा स्टेशन क्षेत्र और प्लेटफार्मों पर नियमित मैनुअल घोषणाएं।
● आवश्यकतानुसार यात्रियों की भीड़ को मैनेज करने के लिए विशेष मेला ट्रेनें।
● अतिरिक्त ठहराव: भारी भीड़ को संभालने व यात्रियों के चढ़ने/उतरने में सहायता के लिए नियमित मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को प्रदान किया गया।
● 5 स्तरीय समन्वय: पीएफ→स्टेशन→डिवीजन→जोनल→रेलवे बोर्ड वार रूम
○ प्लेटफॉर्म, एफओबी, प्रवेश/निकास और होल्डिंग क्षेत्रों में भीड़ का अत्याधिक आवागमन और सीसीटीवी निगरानी।
● पूछताछ काउंटर और होल्डिंग क्षेत्रों में केंद्रीय सहायता डेस्क।
● बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं
● सर्कुलेटिंग एरिया/स्टेशनों में खान-पान की सुविधा बढ़ाई गई।
● सिविल/जिला प्रशासन की मदद से एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और मोबाइल शौचालय की
व्यवस्था की गई।
● यात्रियों की मुफ्त आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए पार्सल यातायात को प्रतिबंधित किया
SER’S INITIATIVE TO MAKE THE MAHA KUMBH GRAND AND DIVINE
27th February, 2025
Indian Railways has undertaken a massive logistic effort to ensure the smooth travel of millions of pilgrims attending Maha Kumbh. Indian Railways has provided several special trains from different cities for pilgrims during Maha Kumbh 2025.
South Eastern Railway is always ready to serve for convenience of passengers and also ran special trains for Mahakumbh Pilgrims. South Eastern Railway has run two pairs of Mahakumbh Special Trains from Ranchi, the Capital City of Jharkhand i.e Ranchi-Tundla-Ranchi Special. One pair of Special train has also run between Tatanagar-Tundla-Tatanagar. This apart Special Trains have also run over SER jurisdiction i.e Titlagarh-Tundla-Titlagarh Special (six pairs), Bhubaneswar-Tundla-Bhubaneswar (six pairs), Puri-Tunda-Puri (three pairs), Tirupati-Banaras-Tirupati Special (four pairs), Narsapur-Banaras-Narsapur Special (two pairs). Moreover, sixteen pairs of Regular Trains are also running over SER jurisdiction with stoppage at Prayagraj. Pilgrims from Ranchi, Tatanagar, Bokaro, Rourkela, Purulia, Baleshwar, Kharagpur, Kolkata and other places have boarded from SER jurisdiction.
In order to facilitate the pilgrims, the railway has made special arrangements at major stations. Additional help desks, drinking water, cleanliness, first aid, and other necessary facilities have been provided at the stations to ensure that passengers do not face any inconvenience.
Additionally, special teams of the Railway Protection Force (RPF) and Government Railway Police (GRP), along with railway staff, Scouts and Guides, and Civil Defence volunteers, managed the crowd efficiently. CCTV surveillance was increased at major stations, and the patrolling system at stations and trains was strengthened.
The railway administration deployed extra staff for the punctual operation of special trains, ensuring passengers faced no inconvenience. Special attention was also given to catering services, and quality food was provided through authorized vendors.
Miking through Public Address System was arranged to sensitize the passengers not to assemble un-necessarily at station premises and on platforms and also to follow safety protocols.
……..
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