भारतीय भाषा परिषद् द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल के बीस शिक्षकों को शिक्षा सम्मान: 2024 से सम्मानित किया गया। खड़गपुर कॉलेज के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा.पंकज साहा को भी यह सम्मान प्राप्त हुआ। एक भेंट में डा. साहा ने बताया कि यह सिर्फ मेरा नहीं समस्त खड़गपुर वासियों का सम्मान है।
कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रोफेसर राजश्री शुक्ला ने इस सम्मान के संदर्भ में कहा कि भारतीय भाषा परिषद् द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह का उद्देश्य समाज में शिक्षक के महत्व को बताना एवं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है।
उक्त अवसर पर ‘उच्च शिक्षण: वर्तमान दिशा एवं नयी दिशाऍं’ विषय पर परिचर्चा हुई। परिचर्चा में भाग लेते हुए कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ. अमरनाथ ने शिक्षा के व्यापारीकरण पर अपनी चिंताऍं व्यक्त करते हुए कहा कि इस व्यापारीकरण से समाज में विषमताऍं काफी बढ़ी हैं, जबकि आज सबके लिए समान शिक्षा की आवश्यकता है।
रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. हितेंद्र पटेल ने आज की शिक्षा को उच्च आदर्शों की स्थापना में असफल बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा को समाज की चिंताओं से जोड़ना होगा और इसके लिए शिक्षकों को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज के प्रोफेसर दिलीप शाह ने कहा कि सोशल मीडिया ने शिक्षा को एक नया आयाम दिया है। अब विश्वविद्यालयों के अनेक लेक्चर बेवसाइटों पर उपलब्ध हैं। ज़माने के अनुकूल शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को अत्यंत सतर्कता के साथ नयी टेक्नोलॉजी से लाभान्वित होना होगा।
अध्यक्षीय वक्तव्य रखते हुए भारतीय भाषा परिषद् के निदेशक डा. शंभुनाथ ने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य तकनीकी समृद्धि के साथ भावनात्मक समृद्धि भी है। आनेवाले दिनों में स्मार्ट क्लासों में ए.आई. के रोबोट क्लास लेंगे। वैसे रोबोट मनुष्य को मशीन ही बनायेंगे। जबकि शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य को बेहतर इन्सान बनाना है।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. संजय जायसवाल ने किया और धन्यवाद ज्ञापन परिषद् के वित्त मंत्री श्री घनश्याम सुगला ने किया।
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ডঃ পঙ্কজ সাহা সহ 20 জন শিক্ষককে শিক্ষা সম্মানে সম্মানিত করা হয়েছে: 2024 ভারতীয় ভাষা পরিষদ দ্বারা, ‘উচ্চ শিক্ষা: বর্তমান দিকনির্দেশ এবং নতুন দিকনির্দেশনা’ বিষয়ে একটি আলোচনার আয়োজন করা হয়েছিল।
শনিবার কলকাতায় শিক্ষক দিবস উপলক্ষে ভারতীয় ভাষা পরিষদ কর্তৃক পশ্চিমবঙ্গের বিশজন শিক্ষককে শিক্ষা সম্মান: 2024-এ সম্মানিত করা হয়েছে। খড়্গপুর কলেজের হিন্দি বিভাগের প্রাক্তন চেয়ারম্যান ড. পঙ্কজ সাহাও এই সম্মান পেয়েছিলেন৷ এক বৈঠকে ডাঃ সাহা বলেন, এটা শুধু আমার সম্মান নয়, খড়্গপুরের সকল মানুষের সম্মান।
এই সম্মানের বিষয়ে কলকাতা বিশ্ববিদ্যালয়ের অধ্যাপক রাজশ্রী শুক্লা বলেন, ভারতীয় ভাষা পরিষদ আয়োজিত এই সম্মাননা অনুষ্ঠানের উদ্দেশ্য হল সমাজে শিক্ষকদের গুরুত্ব জানানো এবং তাদের প্রতি কৃতজ্ঞতা প্রকাশ করা।
এ উপলক্ষে ‘উচ্চ শিক্ষা: বর্তমান দিক ও নতুন দিকনির্দেশনা’ শীর্ষক আলোচনা সভা অনুষ্ঠিত হয়। আলোচনায় অংশ নিয়ে কলকাতা বিশ্ববিদ্যালয়ের প্রাক্তন অধ্যাপক ডঃ অমরনাথ শিক্ষার বাণিজ্যিকীকরণ নিয়ে উদ্বেগ প্রকাশ করেন এবং বলেন যে এই বাণিজ্যিকীকরণ সমাজে বৈষম্য বাড়িয়েছে, যেখানে আজ সবার জন্য সমান শিক্ষার প্রয়োজন।
রবীন্দ্র ভারতী বিশ্ববিদ্যালয়ের অধ্যাপক ডঃ হিতেন্দ্র প্যাটেল আজকের শিক্ষাকে উচ্চ আদর্শ প্রতিষ্ঠায় ব্যর্থ বলে অভিহিত করেছেন। তিনি বলেন, শিক্ষাকে সমাজের উদ্বেগের সাথে যুক্ত করতে হবে এবং এর জন্য শিক্ষকদের অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করতে হবে।
ভবানীপুর এডুকেশন সোসাইটি কলেজের অধ্যাপক দিলীপ শাহ বলেন, সোশ্যাল মিডিয়া শিক্ষায় নতুন মাত্রা দিয়েছে। এখন বিশ্ববিদ্যালয়ের অনেক লেকচার ওয়েবসাইটে পাওয়া যায়। সময়ের সাথে খাপ খাইয়ে নিতে হলে শিক্ষক ও শিক্ষার্থীদেরকে অত্যন্ত সতর্কতার সাথে নতুন প্রযুক্তি থেকে উপকৃত হতে হবে।
সভাপতির ভাষণ দেওয়ার সময়, ভারতীয় ভাষা পরিষদের পরিচালক ডঃ শম্ভুনাথ বলেছিলেন যে শিক্ষার লক্ষ্য কেবল প্রযুক্তিগত সমৃদ্ধি নয়, মানসিক সমৃদ্ধিও। আগামী দিনে, AI স্মার্ট ক্লাসে ব্যবহার করা হবে। রোবট ক্লাস নেবে। যাইহোক, রোবট মানুষকে মেশিনে পরিণত করবে। অথচ শিক্ষার লক্ষ্য মানুষকে উন্নত মানুষ হিসেবে গড়ে তোলা।
অনুষ্ঠান সঞ্চালনা করেন অধ্যাপক ড. সঞ্জয় জয়সওয়াল এটি করেন এবং ধন্যবাদ জ্ঞাপন করেন কাউন্সিলের অর্থমন্ত্রী শ্রী ঘনশ্যাম সুগলা।
Twenty teachers including Dr. Pankaj Saha were honored with Shiksha Samman: 2024 by the Bhartiya bhasha parishad
discussion was organized on the topic ‘Higher Education: Current Direction and New Directions’.
Twenty teachers from West Bengal were honored with Shiksha Samman: 2024 by the Bhartiya bhasha parishad on the occasion of Teacher’s Day in Kolkata on Saturday. Dr. Pankaj Saha, former chairman of the Hindi department of Kharagpur College, also received this honour. In a meeting, Dr. Saha told that this is not just my honor but also the honor of all the people of Kharagpur.
Regarding this honor, Professor Rajshree Shukla of Kolkata University said that the purpose of this honor ceremony organized by the Bhartiya bhasha parishadi Is to tell the importance of teachers in the society and to express gratitude towards them.
On the said occasion, a discussion was held on the topic ‘Higher Education: Current Direction and New Directions’. Participating in the discussion, Dr. Amarnath, former professor of Calcutta University, expressed his concerns over the commercialization of education and said that this commercialization has increased the inequalities in the society, whereas today there is a need for equal education for all.
Professor Dr. Hitendra Patel of Rabindra Bharati University termed today’s education as unsuccessful in establishing high ideals. He said that education has to be linked to the concerns of the society and for this teachers have to play a very important role.
Professor Dilip Shah of Bhawanipur Education Society College said that social media has given a new dimension to education. Now many lectures of universities are available on websites. To adapt to the times, teachers and students will have to benefit from new technology with utmost caution.
While delivering the presidential address, Dr. Shambhunath, Director of the Bhartiya bhasha parishad said that the aim of education is not only technical prosperity but also emotional prosperity. In the coming days, AI will be used in smart classes. Will take robot class. By the way, robots will turn humans into machines. Whereas the aim of education is to make man a better human being.
The program was conducted by Prof. Sanjay Jaiswal did it and the vote of thanks was given parishad’s Finance Minister Shri Ghanshyam Sugla.
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