मगलवार तड़के चाय चक्र के दौरान संदेशखाली की घटना पर कटाक्ष करते हुए पश्चिम मेदिनीपुर के सांसद दिलीप घोष ने कहा – ” सिनेमा में देखी जाने वाली शर्मनाक घटनाए इनदिनों बंगाल के गांव – गांव की महिलाओ के साथ घट रही है .
मासिक 500रु भत्ता देकर सीएम महिलाओ की मर्यादा नीलाम करवा रही है , तृणमूल के नेता महिलाओ को आनंद उपभोग की वस्तु के बतौर इस्तेमाल कर रहे हैं. दुःख की बात है की संदेश खाली इलाके की महिलाए रास्ते पर उतर कर , अपने दुःख की बाते कह रही है . उनके साथ कैसी शर्मनाक अत्याचार हुई है .
शासकदल के नेता पार्टीऑफिस में महिलाओ को उठा कर लाया जा रहा और सामूहिक तौर पर भोगा जा रहा है . ये सब वे लोग ही कर रहे है जो तृणमूल का झंडा लिए चलते रहे हैं और इन्ही महिलाओ की मदद से ग्राम पंचायत का चुनाव जीते, ग्राम प्रधान बने . वे सब उन्ही महिलाओ का जबरन दैहिक शोषण कर रहे है. शर्म की बात है ! ”
मालूम हो , उसी संदेशखाली का दौरा , बीते सोमवार को राजयपाल सी. वी. आनंद बोस किए. उनके पांव से लिपट कर गांव की महिलाए अपने साथ हो रहे अत्याचार की बातें कही और सुरछा की गुहार लगाई.
उसी विषय पर आक्रोशित संसद दिलीप घोष ने कहा – ” महिलाओ को 500रु भत्ता के बदले उन्हें उपभोग की बस्तु बना दी गई है और सम्मानित गृहवधुओ की अस्मिता से खेला जा रहा है. ”
सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के जिला अध्यक्षटीएमसी के जिला अध्यक्ष सुजय हाजरा ने सांसद को अल्प शिक्षित बताते हुए कहा कि सांसद के बयान प्रतिक्रिया के लायक भी नहीं है
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं पर ज्यादा अत्याचार होते हैं मणिपुर में महिलाओं के साथ क्या हुआ दुनिया देखी हैउन्होंने कहा कि बंगाल की घटना पर सीएम व पुलिस ने करवाईवाई की है।
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