बंगीय हिंदी परिषद कोलकाता में हिंदी की सृजनशील साहित्यिक संस्था है। इसकी स्थापना 9 सितंबर, 1945
को आचार्य ललिता प्रसाद सुकुल ने की थी। आचार्य कल्याणमल लोढ़ा, आचार्य विष्णुकांत शास्त्री, श्री सीताराम सेकसरिया, प्रोफेसर रामनाथ तिवारी एवं अन्य अनेक दिग्गज साहित्यकार इस संस्था के अध्यक्ष रहे।
निराला जी, महादेवी वर्मा जी, नागार्जुन जी एवं अन्य अनेक महान साहित्यकार जब कलकत्ता आते थे तब इस संस्था में अवश्य आते थे। संप्रति इस संस्था के संरक्षक डा. प्रेमशंकर त्रिपाठी, अध्यक्ष डा. राजश्री शुक्ला एवं मंत्री
डा. राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी हैं। इस गौरवशाली संस्था द्वारा दिनांक : 17.9. 23 को खड़गपुर कॉलेज के हिन्दी-विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, सुप्रसिद्ध लेखक, समीक्षक, व्यंग्यकार डा. पंकज साहा को प्रो. रामनाथ तिवारी सम्मान से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
अपने भाषण में परिषद के पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए डा. साहा ने कहा कि यह मेरा सम्मान नहीं, समस्त खड़गपुर का सम्मान है। इसी समारोह में प्रो. प्रेम शर्मा को आचार्य ललिता प्रसाद सुकुल सम्मान, श्रीमती दुर्गा व्यास को आचार्य विष्णुकांत शास्त्री सम्मान से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
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