डीए को लेकर आंदोलनरत कर्मचारी युनियनों का पेन डाउन हड़ताल का कामकाज पर मिश्रित असर, सरकार के पक्ष व विपक्षी युनियनों के बीच भिड़ंत, खड़गपुर महकमा अदालत में भी कामकाज बाधित

 

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https://youtu.be/fUFFyvh-8wc

✍️ रघुनाथ प्रसाद साहू/94 34243363

खड़गपुर, डीए को लेकर मंगलवार को आंदोलनरत को-आर्डिनेशन व सरकार के पक्षधर फेडरेशन के बीच उस वक्त तनाव हो गया जब दोनों पक्ष मेदिनीपुर के डीएम कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे आरोप है कि फेडरेशन के सुब्रत सरकार ने विरोधी कर्मचारी पर लात से हमला कर दिया पुलिस बीच बचाव कर स्थिति को नियंत्रित किया। ज्ञात हो कि डीए की बकाया अंश की मांग को लेकर राज्य सरकार कर्मचारियों के संयुक्त मंच की ओर से 20 व 21 फरवरी को मांग के पक्ष में पेन डाउन हड़ताल का आह्वान किया गया था जिस पर राज्य सरकार का कहना है . इन दोनों दिन काम पर न आने पर वेतन में कटौती होगी एवं सर्विस निरंतरता ब्रेक होगी साथ अनुपस्थिति का कारण विस्तार से बताना पड़ेगा . वरना कारण बताओ नोटिस जारी हो सकता है।

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https://youtu.be/e9eeVc37kXY

खड़गपुर महकमा अदालत में भी कामकाज हुआ बाधित

आल इंडिया सब आर्डिनेटकोर्ट स्टाफ एसोशिएसन के खड़गपुर इकाई की ओर से महकमा अदालत में दोपहर 1 से तीन बजे तक पेन डाउन हड़ताल किया गया। एसोशिएसन के विश्वनाथ दास ने कहा कि वे लोग संयुक्त मंच के आंदोलन के साथ है। जबकि आनंद ने कहा कि डीए उनलोगों का हक है जो कि वे लोग लेकर रहेंगे। जबकि पश्चिम बंग अदालत कर्मचारी समिति की ओर से पूरे दिन हड़ताल चला।

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https://youtube.com/shorts/T5PIbJTnC4c?feature=share

दिलीप ने डीए को लेकर राज्य सरकार को घेरा .

राज्य सरकार की ओर से डीए पर कर्मचारियों को चेतावनी पर मंतव्य देते हुए मेदिनीपुर के सांसद व अखिल भारतीय भाजपा उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा – ” सरकारी कर्मचारियों को धमका कर ज्यादा दिन तक शासन नही चलाया जा सकता . अनसन , हड़ताल कर्मचारियों का संवैधानिक हक है उन्हें उनके हक से वंचित नही किया जा सकता . डीए कर्मचारियों का अधिकार है सरकार अधिकार से वंचित भी करेगी और आंख भी दिखाएगी . यह मान्य नही हो सकता . पूरे राज्य में विभिन्‍न जगहों पर , विभिन्‍न विभाग के कर्मी अनशन – धरणा दे रहे हैं . ऐसी असफल व अलोकप्रिय सरकार ज्यादा दिनों तक नही चल पाएगी . सरकार कर्मचारियों की मांग के संबंध में बात भी नही करना चाहती ऐसी हालत में कर्मचारी एक बार तय कर लिए तो वे हड़ताल अवश्य करेंगे . बाहुबल से डंडे के जोर पर जबरदस्ती कर्मचारियों से काम नही लिया जा सकता। .

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