खड़गपुर, ममता बनर्जी के मेदिनीपुर दौरे से पहले अचानक पश्चिम मेदिनीपुर के जिलाधिकारी आएशारानी का मात्र 8 माह के अल्पअवधि में ही अन्यत्र तबादला कर, उनके स्थान पर नए जिलाधिकारी खुर्शीद अली कादरी की नियुक्ति कर दी गई . कादरी दार्जिलिंग के अतिरिक्त जिलाधिकारी के तौर पर कार्यरत थे . वे 2013 बैच के IAS अधिकारी थे दूसरी ओर 2009 बैच की आएशारानी को जनस्वास्थ्य व कारीगरी विभाग की डेपुटी एडिशनल चार्ज ऑफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर कोलकाता स्थानांतरित किया गया है . ज्ञात हो कि आएशारानी पश्चिम मेदिनीपुर के जिलाधिकारी बनने के पूर्व झाड़ग्राम , दक्षिण दिनाजपुर व अन्य जिलों की जिलाधिकारी के तौर पर सफलता पूर्वक दायित्व निभा चुकी हैं .
पश्चिम मेदिनीपुर जिले का पद संभालने के एक माहिने के भीतर ही कंसावती नदी की जीर्ण-शीर्ण वीरेंद्र सेतु पर से भारी वाहन की आवाजाही बंद करा दी थी साथ ही मध्य रात्रि में अकेली ही पुलिस को सूचित किए बिन अभियान पर निकल पड़ती थी और अवैध रेत खनन व मोरम खनन बंद करा, जनता को खुश कर दी थी . जिले के कई कारखाने की समस्या भी अपनी तत्परता से सुलझाई थी . जानकारो के मुताबिक जिलाधिकारी आएशारानी बिना किसी पक्षपात के पूरी निष्ठा के साथ अपने दायित्व निभा रही थी, भाजपा नेता अरुप दास का आरोप है कि ” आएशारानी के साहसिक फैसलों से टीएमसी नेतृत्व को कटमनी जाना बंद हो गया था जिसके कारण तबादला हुआ। तृणमूल जिलाध्यक्ष सूजय हाजरा भाजपा के आरोप को नकारते हुए इसे रुटिन तबादला करार दिया साथ ही कहा – ” जिलाधिकारी आएशारानी की सचिव स्तर पर पदोन्नति हुई है.” परंतु राजनैतिक हकलों में कयासों की हवा गर्म हो गई है. ज्ञात हो कि बीते सप्ताह जिले के कई थाना प्रभारियों, सब इंसपेक्टर सहित अन्य पुलिस कर्मियों का भी तबादला किया गया था।
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