डीपीआरएमएस की ओर से खड़गपुर रेल कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम के विरोध में आज एक प्रेस-वार्ता बुलाई गई जिसमें जोनल महासचिव बलवंत सिंह ने बताया कि जबसे यह नई पेंशन स्कीम लागू हुई है हमारा फेडरेशन तब से इसके विरोध में है .
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हमारी मांग है कि नई पेंशन स्कीम को रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम ही जारी रहे .बलवंत ने एनएफआईआर व एआईआऱएफ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि रेल मंत्रालय मे रिकगनाइज़्ड अन्य फेडरेशन ट्रस्टी बने कॉन्ट्रेक्ट भी साइन किए लेकिन अभी वे भी विरोध में आए हैं . पुरानी पेंशन की जो व्यवस्था है उसमें कर्मचारियों को आर्थिक योगदान नही पड़ता लेकिन नई पेंशन स्कीम में , 2004 से बहाल हुए कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए , उनके बेसिक वेतन एवं डीए का 10% काटा जाता है एवं उसमें सरकार 14% योगदान देती है इस तरह जमा हुई राशि का 60% कर्मचारियों को अवकाश पाने के समय दे दिया जाता है और 40% शेयर मार्केट में निवेश कर पेंशन स्कीम के तहत हर महिने अदा की जाती है और हमारा जो अनुभव हुआ है . हम जो देखे हैं 14-15 साल की सेवा के बाद कर्मचारियों को प्रति माह जो पेंशन मिल रही है वह पेंशन की असल मकसद से दूर है क्योंकि पेंशन की अवधारणा सामाजिक सुरक्षा के नजरिए से की गई है . इस तरह नई पेंशन स्कीम अपने उद्देश्य में असफल है . हम फेडरेशन के साथ एनपीएस के खिलाफ लगातार संघर्ष रत हैं अगर जरुरुत पड़ी तो रेल का चक्का भी जाम किया जाएगा। इस अवसर पर डीपीआरएमएस के संरक्षक प्रहलाद सिंह , जोनल उपाध्यक्ष मनीष कुमार झा, वर्कशाप सचिव पी के कुंडु व अन्य उपस्थित थे।
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