30 वाँ राष्ट्रीय बाल विज्ञान सम्मेलन 2022
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर में आज से दो दिवसीय ( 4-5 नवंबर) संभाग स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।
प्रातः 9:00 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर नारायण चंद्र नायक विशिष्ट अतिथि श्री संजीव सिन्हा उपायुक्त केंद्रीय विद्यालय कोलकाता संभाग,श्री अशोक कुमार सिंह समन्वयक ,श्री संतोष कुमार बल प्राचार्य एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
प्राचार्य श्री संतोष कुमार बल एवं उप प्राचार्य श्री चंद्रशेखर सिंह ने सभी अतिथियों को ग्रीन पोट और बैज देकर स्वागत किया अपने अतिथि भाषण में प्राचार्य में आने वाले सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम कोलकाता संभाग के 60 केंद्रीय विद्यालयों से 300 बाल वैज्ञानिक प्रतिभागी रहे
विद्यालय की बालिकाओं के द्वारा स्वागत गीत, ओडीसी शास्त्रीय नृत्य, संबलपुरी लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उपायुक्त श्री संजीव कुमार सिन्हा ने इस कार्यक्रम की सफलता और प्रबंधन के लिए के योगदान करने वाले सभी व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया और प्राचार्य को धन्यवाद कहा ।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस बालकों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करता है बाल वैज्ञानिक स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए अपने पारिस्थितिकी तंत्र को समझेगे
प्रोजेक्ट के माध्यम से समस्याओं का निराकरण खोजेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर श्री नारायण चंद्र नायक ने राष्ट्रीय बाल कांग्रेस के महत्व को समझाया तथा विद्यार्थियों को इकोसिस्टम के साथ जुड़ने और स्थानीय समस्याओं के समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंत में उप प्राचार्य श्री चंद्र शेखर ने पधारे हुए सभी वरिष्ठ विशिष्ट लोगों का अनुरक्षक शिक्षकों बाल वैज्ञानिको का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों की सराहना की।
तत्पश्चात अलग-अलग वर्ग, अलग कक्षों में विद्यार्थियों द्वारा अपने प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए।
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उप प्राचार्य चंद्र शेखर ने ने kgpnews.in से कहा कि से बच्चों में पारिस्थितिकी को समझने में सहायता मिलेगी जैसे बीते दिनों कोविड जैसे महामारी की समस्या से निबटने में हम इसलिए कामयाब रहे हैं क्योंकि पारिस्थितिकी को लेकर जागरुकता थी उसी जागरुकता को बच्चों में और बढ़ावा देने के लिए उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । इससे लगभग के स्वास्थ्य व उचित रहन सहन में सहायता मिलेगी।
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