✍ मनीषा झा
खड़गपुर दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ की सभी जोनल इकाइयों ने रेलवे अस्पतालों के नर्सों को सम्मानित कर अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया। कोरोना काल में नर्सो के योगदानों को याद किया तथा उनको नमन किया गया।
ज्ञात हो कि आधुनिक नर्सिंग की जननी फ्लोरेन्स नाइटिंगल के जन्म दिवस पर प्रत्येक वर्ष अंतरर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। फ्लोरेन्स नाइटिंगल का जन्म 12 मई, 1820 को इटली के फ्लोरेंस में हुआ था। दया व सेवा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेन्स नाइटिंगल ” द लेडी विद द लैंप” भी कहा जाता हैं। उच्च कुल में जन्मी फ्लोरेन्स ने सेवा का मार्ग चुना। परिवार के तमाम विरोध के बावजूद अभावग्रस्त व गरीबों की सेवा का प्रण लिया। फ्लोरेन्स का सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्रीमिया के युद्ध में रहा। इस समय किए गए उनके सेवा कार्यो के लिए ही उन्होंने लेडी विद द लैंप की उपाधि से सम्मानित किया गया। जब चिकित्सक चले जाते थे, तब वह रात के अंधेरे में लालटेन के सहारे घायलों की सेवा के लिए उपस्थित हो जाती थी।
सबसे पहले इस दिवस की शुरूआत साल 1965 में की गई थी। तब से लेकर आज तक यह दिवस इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अंतरर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।
खड़गपुर रेलवे मेन अस्पताल में खड़गपुर कारखाना व ओपन लाईन इकाई ने मिलकर नर्सों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। गार्डेनरीच में रेलवे के केंद्रीय अस्पताल के नर्सो को सम्मानित किया। आद्रा डिवीजन के अस्पताल के नर्सो का भी सम्मान पुष्पगुच्छ देकर किया गया।
इस अवसर पर महामंत्री बलवंत सिंह, जोनल उपाध्यक्ष मनीष चंद्र झा, जोनल उपाध्यक्ष जयंत कुमार, जोनल संगठन मंत्री पी. के. पात्रो, कारखाना सचिव पी. के. कुंडु, अन्य पदाधिकारियों में अभय कुमार ओझा, राजीव चक्रवर्ती, ओमप्रकाश यादव, रत्नाकर साहू, संतोष सिंह, श्यामंत, कौशिक सरकार, शेखर, के. कृष्णामूर्ति, बी. कृष्णा, रवि कुमार, श्रीनू, नीतिन तथा अन्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर कोरोना काल में नर्सो का योगदान को याद किया गया जो आपदा की घड़ी में लगातार फ्रंटलाइनर वर्कर की तरह कार्य किए। महामंत्री बलवंत सिंह ने नर्सों को अंग्रपंक्ति का योद्धा कहा तथा उनके निस्वार्थ भाव से किए जाने वाले सेवाभाव की भूरि-भूरि प्रशंसा की।कारखाना सचिव पी. के. कुंडु ने भी नर्सो के योगदान की तहे दिल से सराहना की।
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