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खड़गपुर। नगरपालिका चुनाव से पहले आज खड़गपुर शहर में आटो व टोटो संगठनों के झगड़े व आंदोलन से शहर का माहौल दिनभर तनावपूर्ण बना रहा। एक ओर आटो युनियनों ने तो दूसरी ओर टोटो युनियन ने शहर के कई हिस्सों में एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन किया। बाद में पुलिस के समझाने बुझाने पर मामला शांत हुआ। ज्ञात हो कि सबसे पहले आज सुबह गोलबाजार के शिमला सेंटर व बोगदा इलाके में पहले आटो युनियन से जुड़े सदस्यों ने पथ अवरोध कर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर ऑटो यूनियन के सह-सभापति गौतम विश्वास ने टोटो के संचालन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पौरसभा की ओर से खड़गपुर शहर में केवल 340 टोटो को ही परमीट दिया गया है लेकिन मौजूदा समय में शहर में हजार से भी ज्यादा टोटो चल रहे है। उन्होंने कहा कि टोटो चालक नियमों का उल्लंघन कर यात्रियों को कहीं से भी उठाकर कहीं भी छोड़ आते है। जिसके कारण आटो में बैठने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आई है। आटो चालक सरकार को टैक्स देने के बाद कुछ भी नही बचा पाते है जबकि टोटो चालकों से किसी तरह का कोई टैक्स नही वसूला जाता है। इसलिए आटो युनियनों की मांग है कि बिना परमीट के टोटो को बंद किया जाए।
इधर दूसरी ओर ऑटो चालकों के प्रदर्शन के जवाब में टोटो युनियन ने भी खड़गपुर नगरपालिका के समक्ष प्रदर्शन किया। टोटो युनियन का कहना है कि 340 टोटो के अलावा 150 और टोटो को खड़गपुर नगरपालिका की ओर से परमीट देने की बात कही गई थी। लेकिन उस समय के महकमा शासक के तबादले के बाद नए महकमा शासक के समक्ष अर्जी दी गई है। टोटो चालकों का कहना है कि टोटो चलाने वाले अधिकांश चालक प्रवासी मजदूर है। जोकि लाकडाउन हो जाने के बाद अपने शहर वापस लौट आए है व यहां पर कोई कामकाज न होने की वजह से टोटो चलाकर अपना जीवन यापन करते है। ऐसे में उनकी पेट में लात मारना सही नही होगा। पता चला है समस्या के निदान के लिए जल्द ही प्रशासन ऑटो व टोटो दोनों के यूनियन कं साथ बैठक करेंगी।
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