Home crime आईआईटी खड़गपुर के छात्र ने फांसी लगा आत्महत्या की, कैंपस ना खुलने से था अवसाद ग्रस्त

आईआईटी खड़गपुर के छात्र ने फांसी लगा आत्महत्या की, कैंपस ना खुलने से था अवसाद ग्रस्त

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आईआईटी खड़गपुर के छात्र ने फांसी लगा आत्महत्या की, कैंपस ना खुलने से था अवसाद ग्रस्त

✍रघुनाथ प्रसाद साहू  9434243363

खड़गपुर। कैंपस नही खुलने व परिजन की बेरुखी से तंग आकर आईआईटी खड़गपुर के सिविल इंजीनियर विभाग के सेकंड ईयर के सार्थक विजयवत नामक छात्र ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली। पता चला है कि सार्थक सिर्फ 19 साल का था और वह मध्यप्रदेश के इंदौर शहर का रहने वाला था। गुरुवार की रात उसके घर के बरामदे से उसका शव झुलता हुआ पाया गया। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमें आईआईटी खड़गपुर में बिताए सुनहरे दिनों का जिक्र कर कैंपस न खुलने के के कारण तनाव में रहने को वजह बताया व इसके अलावा सुसाइड नोट में घर-परिवार की अशांति का भी जिक्र किया गया था। खबर मिलने पर इंदौर पुलिस वहां पहुंची व छात्र के शव को बरामद कर अंत्यपरीक्षण के लिए ले गई। इधर खबर मिलने पर आईआईटी परिसर में हंगामा मच गया। पता चला है कि गुरुवार रात ही आईआईटी खड़गपुर के स्टूडेंट सेनेट ने डीन आफ स्टूडेंट अफेयर्स के साथ एक बेठक की जिसमें कैंपस खोलने के विकल्पों पर विचार किया गया। आईआईटी खड़गपुर के कुलसचिव तमालनाथ ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि कैंपस को खोलने के लिए लगातार बैठक के हो रही है व जरूरत के हिसाब से  विद्यार्थियों को कैंपस में बुलाया भी जा रहा है उन्होंने कहा कि परिस्थिति अनप्रिडिक्टेबल है जिसके कारण कैंपस पूरी तरह खोलने में कठिनाई आ रही है।

इस मामले में खड़गपुर के विधायक हिरण चटर्जी ने कहा कि हर रोज उन्हें आईआईटी के स्टूडेंट ट्वीट कर या व्हाट्सएप कर कैंपस खुलवाने की मांग करते है हिरण ने कहा कि दो साल से कैंपस बंद है उनके अनुसार अभी कोरोना कि स्थिति काबू में है व इसको देखते हुए छात्रों का वैक्सीन डोज पुरा कर तत्काल कैंपस को खोल देना चाहिए। इंदौर के लसूड़िया थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि नर्मदा कॉलोनी में रहने वाले एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस पहुंची तो पता चला कि मृतक एनवीडीए में पदस्थ एडिशनल डायरेक्टर बृजेश विजयवत का बेटा सार्थक है। सार्थक विजयवत ने 2 पेज की सुसाइड नोट में लिखा-पापा आपको हम सबके साथ थोड़ा ज्यादा टाइम स्पेंड करना था. बात करनी चाहिए थी हमसे. जितनी बात अपने भाई-बहनों से करते, उससे आधी भी हमसे करते तो चल जाता. मां समझ रहा हूं कि आप अकेली रह जाओगी, लेकिन और बर्दाश्त नहीं हो रहा.’ अंतिम में लिखा आई क्विट (I QUIT). विजय के आत्महत्या की खबर पा कैंपस मेंं भी शोक की लहर दौड़ गई.

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