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खड़गपुर। 7 माह के मृत संतान को गर्भ में लिए भर्ती होने के लिए अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर हुई एक महिला। घटना खड़गपुर महकमा अस्पताल की है। पता चला है कि खड़गपुर के पालबाड़ी इलाके की रहने वाली 23 वर्षीय ममता राना नामक गर्भवती महिला गुरुवार की शाम गर्भ में बच्चे की कोई हरकत न महसूस होने की शिकायत लिए खड़गपुर महकमा अस्पताल में भर्ती हुई।
अगले दिन वहां अल्ट्रासोनोग्राफ के माध्यम से पता चला कि ममता के गर्भ में पल रहा बच्चा मृत है व तुरंत उसका ऑपरेशन करना पड़ेगा लेकिन खड़गपुर महकमा अस्पताल में यह ऑपरेशन संभव नहीं होगा। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज जाने पर वहां डॉक्टरों ने अल्ट्रासोनोग्राफ की रिपोर्ट देखने के बाद महिला को एडमिट लेने से मना कर दिया। मरीज के परिजनों का आरोप है कि व मरीज को लेकर किसी निजी में जाने को कहा गया। लेकिन ममता के परिजन निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे।
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काफी मिन्नतें के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मीडिया कर्मियों की हरकत के बाद अस्पताल प्रबंधन कुछ सलाह के साथ वापस चांदमारी में मरीज को रेफर कर दिया जिसके बाद परिजन वापस से ममता को लेकर खड़गपुर महकमा अस्पताल आ गए। ज्ञात हो कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा साफ-साफ शब्दों में कहा गया था कि किसी भी मरीज को कैसी भि हालात में अस्पताल से वापस नहीं लौटाया जा सकेगा लेकिन मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज ने एडमिट लेने से मना कर दिया। इधर पत्रकारों द्वारा जब मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष व प्रिंसिपल को फोन कर पूछा गया तो उन्होंने इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।शनिवार को मरीज को चांदमारी में दोबारा एडमिट करने के बाद बच्चे के गर्भपात की प्रक्रिया शुरू की गई है
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