kharagpur, A cluster of cases of pneumonia reported in Wuhan, China in December 2019 were later
identified as the first cases of the novel coronavirus. Since then, Covid-19 has resulted in at
least 4,340,240 confirmed deaths and more than 205,768,700 confirmed cases as of August
2021. While India confirmed its first Covid-19 case in January,we didn’t witness the real
outbreak until March 2020.Coronavirus brought the world to a standstill-crippling the economies
of nations together with the consistently rising death toll. As a result ,a complete lockdown was
imposed across the nation that continued for 3 months which added to people’s woes.
News channels showed the heart wrenching images of daily wagers who were forced to travel
back to their hometown on foot with the closure of small scale businesses and the common man
struggling to make ends meet to feed his family.
Hearing similar stories of struggle of the people of Gopali, a government registered NGO Gopali
Youth Welfare Society (GYWS) , established in 2002 and working towards upliftment of society
came to their aid. In April 2020, GYWS – run by students of IIT Kharagpur, distributed one
week’s essentials to 2000 families. Their door-to-door distribution prevented large crowds from
assembling at a place.
Around 5000 masks- donated by Mr. and Mrs. Dasgupta and Mr. and Mrs. Ghosh, were
distributed to the underprivileged families from 7 villages, ASHA workers,the police force and
the staff and students of Jagriti Vidya Mandir- the school established and run by GYWS since
2008.GYWS also came forth and provided its cabs to the police to aid transportation.
In May, the NGO started “One Donation-One Family-One Month” fundraiser and with the
amount of over 10 Lakhs raised together with support from Mrs. Dasgupta 450 BPL families and
the elderly received food kits to support them for a month.A few of these food kits supported
families post the Amphan Cyclone as well.
The generous contributions of people and IIT- Kharagpur professors helped GYWS support
many families from Gopali. Their efforts were also appreciated in a tweet by the then Minister of
Human Resource Development, Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank dated 21 May,2020.
In June,2020 GYWS once again collaborated with Feeding India to distribute 700 food kits to
JVM students’ families, families of daily wagers and labourers and Tribal groups from
neighboring villages.
Once again in May 2021, situations worsened with the second wave of the pandemic.
GYWS was approached by the Gram Panchayat to help them support the Safe Houses with
Medical and Safety Kits. GYWS started their initiative CoviRelief- a fundraiser on Ketto to help
the cause and managed to raise over 1.3L with the help of 269 supporters, including friends
The generous contributions of people and IIT- Kharagpur professors helped GYWS support
many families from Gopali. Their efforts were also appreciated in a tweet by the then Minister of
Human Resource Development, Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank dated 21 May,2020.
In June,2020 GYWS once again collaborated with Feeding India to distribute 700 food kits to
JVM students’ families, families of daily wagers and labourers and Tribal groups from
neighboring villages.
Once again in May 2021, situations worsened with the second wave of the pandemic.
GYWS was approached by the Gram Panchayat to help them support the Safe Houses with
Medical and Safety Kits. GYWS started their initiative CoviRelief- a fundraiser on Ketto to help
the cause and managed to raise over 1.3L with the help of 269 supporters, including friends
दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में रिपोर्ट किए गए निमोनिया के मामलों के एक समूह को बाद में नोवेल कोरोनावायरस के पहले मामलों के रूप में पहचाना गया था। तब से, कोविड -19 के परिणामस्वरूप, अगस्त 2021 तक कम से कम 4,340,240 मौतों की और 205,768,700 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। जबकि भारत ने जनवरी 2020 में अपने पहले कोविड -19 मामले की पुष्टि की थी, हमने मार्च 2020 तक इसका वास्तविक प्रकोप नहीं देखा था। कोरोनावायरस ने लगातार बढ़ती मौतों के साथ-साथ, देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी ठप कर दिया है। परिणामस्वरूप, पूरे देश में 3 महीने तक पूर्ण तालाबंदी लागू कर दी गई, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई थी।समाचार चैनलों ने दिहाड़ी मजदूरों की दिल दहला देने वाली छवियां दिखाईं, जिन्हें छोटे पैमाने के व्यवसायों के बंद होने के कारन अपने परिवार का पेट भरने के लिए, अपने गृहनगर पैदल वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।गोपाली के लोगों के संघर्ष की ऐसी ही कहानियाँ सुनकर, 2002 में स्थापित एक सरकारी पंजीकृत एन.जी.ओ गोपाली यूथ वेलफेयर सोसाइटी (GYWS), समाज के उत्थान की दिशा में काम करते हुए उनकी सहायता के लिए आगे आया। GYWS जो की IIT खड़गपुर के छात्रों द्वारा संचालित है, उसने अप्रैल 2020 में 2000 परिवारों को एक सप्ताह की आवश्यक सामग्री वितरित की थी।सामग्री के घर-घर वितरण ने एक जगह पर बड़ी भीड़ को इकट्ठा होने से रोक दिया था।श्रीमान और श्रीमती दासगुप्ता और श्रीमान और श्रीमती घोष द्वारा दान किए गए लगभग 5000 मास्क, 7 गांवों के वंचित परिवारों, आशा कार्यकर्ता, पुलिस बल और जागृति विद्या मंदिर(2008 से GYWS द्वारा स्थापित और संचालित स्कूल) के कर्मचारी और छात्रों को वितरित किए गए थे। GYWS ने आगे आकर परिवहन में सहायता के लिए पुलिस को अपनी कैब भी प्रदान की थी।
मई में, एनजीओ ने “वन डोनेशन-वन फैमिली-वन मंथ” फंडरेज़र शुरू किया और श्रीमती दासगुप्ता के समर्थन के साथ 10 लाख से अधिक की राशि जुटाई, और 450 बीपीएल परिवारों और बुजुर्गों को एक महीने के लिए भोजन किट प्रदान करवाई गयी थी।इनमें से कुछ खाद्य किट उन परिवारों को भी प्रदान किए गए जो अम्फान चक्रवात से पीड़ित थे।लोगों और IIT-खड़गपुर के प्रोफेसरों के उदार योगदान ने GYWS को गोपाली के कई परिवारों का समर्थन करने में मदद की। 21 मई, 2020 को तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के एक ट्वीट में उनके प्रयासों की भी सराहना की गई थी।
जून, 2020 में GYWS ने एक बार फिर फीडिंग इंडिया के साथ मिलकर JVM छात्रों के परिवारों, दैनिक ग्रामीणों और मजदूरों के परिवारों और पड़ोसी गांवों के आदिवासी समूहों को 700 भोजन किट वितरित किए थे।मई 2021 में एक बार फिर महामारी की दूसरी लहर के साथ हालात और बिगड़ गए थे।चिकित्सा और सुरक्षा किट में मदद के लिए ग्राम पंचायत द्वारा GYWS से संपर्क किया गया था। GYWS ने अपनी पहल CoviRelief, “कीटो” नामक एक अनुदान संचय पर शुरू की और दोस्तों और परिवार सहित, 269 समर्थकों की मदद से 1.3L से अधिक जुटाने में कामयाब रहे। इसमें से कुछ धन का उपयोग स्थानीय लोगों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए किया गया है और बाकी धन एक संभावित तीसरी लहर के साथ जरूरत पड़ने पर मदद के लिए अलग रखा गया है।
GYWS ने पेरिस, फ्रांस में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन “GOPIO (भारतीय मूल के लोगों का वैश्विक संगठन)” के साथ मिलकर जून, 2021 में 80-100 कोविड प्रभावित परिवारों को खाद्य आवश्यक सामग्री वितरित की थी|GYWS ने लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद करने के लिए पूरे साल प्रयास किया है और हर संभव तरीके से उनका समर्थन किया है। वे जनता से आगे आने और मानवता को एक साथ इस महामारी का सामना करने में मदद करने का भी आग्रह करते हैं।
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