लालगढ़ जंगल इलाके में ग्रामीणों द्वारा रायल बंगाल टाइगर की हत्या तीन साल पहले हुई थी, स्मृति में एक मिनट का मौन

खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के लालगढ़ जंगल इलाके में शिकारियों द्वारा एक रायल बंगाल टाइगर की हत्या तीन साल पहले  कर दी गई थी। उस दिन को याद करते हुए आज वन्य विभाग के लोगों ने जंगल में उसी जगह पर जाकर जहां टाइगर का शव बरामद किया गया था उसके शोक में एक मिनट का मौन रखा व इतना ही नही शिकार करने गए जंगल में गए कई शिकारियों को समझा बुझाकर वापस भेज दिया।

ज्ञात हो कि सबसे पहले साल 2018 के जनवरी महीने में कुछ गांव वालों द्वारा टाइगर को देखा गया था व फिर दोबारा से फरवरी महीने में भी मधुपुर गांव के लोगों ने भी बाघ देखने की बात कही। फिर वन्य विभाग की ओर से इस बात की पुष्टि के लिए जंगल में सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी गई व अंत में कैमरे ने बाघ की तस्वीरें कैद हो गई। जिसके बाद वन्य विभाग ने बाघ को जिंदा पकड़ने की कई कोशिश की लेकिन वे कामयाब नही हो सके। इधर शिकारी भी लगातार बाघ की तलाश में थे अंत में 13 अप्रैल के दिन शिकारियों द्वारा बाघ की हत्या कर दी गई। घटना की खबर मिलने पर वन्य विभाग के लोग शव को बरामद करने के लिए जंगल पहुंचे।

इधर बाघ को देखने के लिए व उसकी तस्वीरें खींचने के लिए लोगों की भीड़ भी उमड़ पड़ी थी। आज फिर से द रायल बंगाल टाइगर की हत्या वाले दिन को याद करते हुए वन्य विभाग के लोगों ने मौन रखते हुए शोक मनाया।

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