साप्ताहिक अवकाश के बदलाव के प्रस्ताव को दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ ने जताया असंतोष, जोनल अध्यक्ष ने महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर इस प्रस्ताव को तत्काल खारिज करने की मांग की

खड़गपुर, खड़गपुर रेलवे कारखाना में रविवार को आधे दिन का अवकाश एवं सोमवार को पूरे दिन का अवकाश रहता है। सोमवार का साप्ताहिक अवकाश विगत कई वर्षों से खड़गपुर कारखाना में चलायमान है। लेकिन खड़गपुर रेलवे कारखाना का प्रशासनिक तंत्र इसमें बदलाव कर शनिवार को आधे दिन का अवकाश और रविवार को पूर्ण अवकाश घोषित करना चाहता है।

दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ की कारखाना इकाई ने इस विषय पर मजदूर भाइयों और बहनों से सोशल मीडिया एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से इन विषयों पर राय मांगी तो यह पाया गया कि अधिकतर रेलवे कर्मचारी रेलवे प्रशासन की नये प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि सोमवार को अधिकतर कर्मचारी सोमवार को स्कूल, बैंक तथा अन्य बाहरी सरकारी कार्य को निपटाते हैं तथा रेलवे मेन अस्पताल भी रविवार को बंद रहता है जिससे रेलवे कर्मचारियों को रक्त तथा अन्य जांच हेतु सोमवार को सुविधा रहती है।
खड़गपुर को रेलनगरी के तौर पर जाना जाता है तथा अधिकतर रेल कर्मचारी खड़गपुर कारखाना में कार्यरत है। रेलवे प्रशासन के नये प्रस्ताव से उन्हें परेशानी हो सकती है। इन चिन्ताओं से अवगत होने के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ के कारखाना सचिव पी. के. कुंडु ने खड़गपुर कारखाना के मुख्य कार्य प्रबंधक को पत्र लिखकर कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत काराया तथा इसकी एक प्रतिलिपि दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ के जोनल अध्यक्ष प्रहलाद सिंह को देकर इस पर जोनल लेवल कार्य करने का अनुरोध किया। प्रहलाद सिहं ने इस पर संज्ञान लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मजदूरों की मांग से अवगत कराया तथा साथ ही साथ तत्काल प्रभाव से इस प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की। इसके अलावा प्रहलाद सिंह ने इसकी एक प्रतिलिपि खड़गपुर के वर्तमान सांसद माननीय दिलीप घोष को दी तथा उनसे इस विषय पर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। माननीय सांसद ने आश्वासन दिया कि 17 फरवरी को महाप्रबंधक के साथ होने वाली बैठक में इस विषय को प्रस्तुत कर इस समस्या का निदान करेगें।
ज्ञात हो कि मजदूरों की समस्या को लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ ने 28 जनवरी को खड़गपुर कारखाना के मेन गेट पर विक्षोभ प्रर्दशन किया था तथा एक बाइक रैली के द्वारा रेलवे प्रशासन तक मजदूरों की समस्य़ा पहुँचाने का कार्य किया था।

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