केंद्र चाहे तो बंगाल में आयुष्मान योजना अपनी खर्ज पर लागू करें, माओवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता व नौकरी

✍रघुनाथ प्रसाद साहू
माओवादी हिंसा में अपने करीबी और प्रिय जनों को खोने वाले या एक दशक से अधिक समय से जो लापता हैं, उन सभी परिवारों के एक सदस्य को 4 लाख रुपये की आर्थिक व होमगार्ड बल में नौकरी दी जाएगी। खड़गपुर में हुए प्रशासकीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र यदि चाहे तो बंगाल में आयुष्मान योजना को लागू कर सकती है बशर्ते पूरा फंड खुद उपलब्ध कराए उन्होने कहा कि हमारे पास राज्य में पहले से ही अपनी स्वास्थ साथी योजना है। आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार 60 फीसद जबकि शेष 40 फीसद राज्यों की ओर से वित्तीय सहायता दी जाती है। ममता का कहना है कि केंद्र डेढ़ करोड़ लोगों के लिए आय़ुष्मान योजना लागू करना चाहती है जबकि साढ़े सात करोड़ लोग बंगाल सरकार के स्वास्थय साथी योजना का लाभ ले रहे हैं। जंगलमहल व आसपास क जिलों में राज्य सरकार की ओऱ से बीते दिनों माटी सृष्टि योजना की शुरुआत की गई है जिसमें बंजर जमीन को उर्वर बना खेती व अन्य कार्य किए जाएंगे ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के कुल 6 हजार एकड़ जमीन को चिन्हित किया गया है जिसमें से 1945 एकड़ जमीन पर कार्य शुरु किया जा सका है योजना से जिले के कुल 8 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा जिले में पुरोहित भत्ता की भी शुरुआत की गई । ममता ने केशुपर में बीते दिनों हुई हिंसा पर भी चंता जाहिर की व पिंग्ला में कोविड से मारे गए पुलिस कर्मी की पत्नी को नौकरी देने का एलान किया गया।इसके अलावा स्वर्ण कारीगरों के लिए गोल्ड हब बनाने की घोषणा भी की गई ताकि जिले के स्वर्ण कारीगरों को लाभ मिल सके।

 

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