दुनिया भर के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकारों की सूची में डा. पंकज साहा का नाम शामिल, खड़गपुर कालेज में अध्यापन से जुड़े हैं डा. साहा, प्रलेक ने 21 वीं सदी के रचनाकारों के बीच किया चयनित

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 खड़गपुर। प्रलेक प्रकाशन समूह, मुंबई(महाराष्ट्र) की 21वीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार विषयक मेगा योजना में पश्चिम बंगाल से खड़गपुर कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर व लेखक डा. पंकज साहा चुने गए। साहा पश्चिम बंगाल से चुने गए एकमात्र व्यंग्यकार है। उल्लेखनीय है कि डा. साहा की हाल ही में प्रकाशित व्यंग्य-पुस्तक ‘हा! वसंत!’ काफी चर्चित रहा।
131 श्रेष्ठ व्यंग्यकारों में देश-विदेशों के हिंदी-व्यंग्यकार शामिल हैं। प्रलेक प्रकाशन समूह के निदेशक श्री जितेंद्र पात्रो ने प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर बताया कि जुलाई, 2020 को पहले उत्कृष्ट व्यंग्य रचनाओं के आधार पर 101 व्यंग्यकारों के चयन की योजना बनायी गयी थी, लेकिन देश और विदेश के सक्रिय और श्रेष्ठ व्यंग्यकारों ने अपनी रचनाधर्मिता का परिचय देते हुए जो उत्साह दिखाया, उससे यह योजना 101 से 131 कर दिया गया। महज एक माह के अंतराल में  दुनियाभर से  200 व्यंग्यकारों की रचनाओं का मिलना, उन्हें पढ़ना, उन्हें साहित्य के प्रयोजन पर कसना किसी रोमांचक कार्य से कम नहीं रहा।
योजना को साकार रूप देने में सर्वाधिक सक्रिय व चर्चित व्यंग्यकार डा. लालित्य ललित व वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं व्यंग्य-समालोचक डा.राजेश कुमार ने अथक परिश्रम कर पाठकों के लिए उम्दा, बेहतरीन व सार्थक व्यंग्य-संचयन प्रस्तुत किया है। देश भर के चयनित व्यंग्यकारों का लेखा-जोखा बताते हुए श्री जितेंद्र पात्रो ने बताया कि इस संचयन में मध्यप्रदेश से 36, उत्तरप्रदेश से 22, राजस्थान से 16, राजधानी दिल्ली से 12, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से 10 -10, उत्तराखंड से 4, हिमाचल प्रदेश और बिहार से 3-3 , पंजाब और झारखंड से 2-2, तथा पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, चंडीगढ़, जम्मू, तमिलनाडु और तेलंगाना से 1-1 व्यंग्यकार सम्मिलित किये गए हैं। इनके साथ ही कनाडा से 3 तथा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से 1-1 व्यंग्यकारों को संचयन में स्थान मिला है। संचयन की गुणवत्ता और सार्थकता को रेखांकित करते हुए श्री पात्रो ने बताया कि ऐतिहासिक महत्व का यह संचयन आगामी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन राजधानी दिल्ली में लोकार्पित किया जायेगा।
                     

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