रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर। सेलिब्रिटी के पीछे भागने वाले लोगों को अब रेलनगरी के कोरोना योद्धा रेल मुख्य अस्पताल के मुख्य डाक्टर ए के जायसवाल व ट्रेनी महिला डाक्टर सहित शहर के अन्य रोगियों के लिए दुआ करने का वक्त आ गया है। बुधवार की रात आए रिपोर्ट में दो डाक्टर सहित शहर के कुल नौ लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं जिसमें से दो खड़गपुर ग्रामीण थाना के अधीन मलिंचा के है जबकि अन्य दो खरीदा व विधानपल्ली के हैं। रेल अस्पताल की ओर से भेजे गए सैंपल में रेल मुख्य अस्पताल से जुड़े कुल पांच लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं जिससे अस्पताल प्रशासन सहित पूरे रेलनगरी के लोग सकते में है। जानकारी के अनुसार रेल अस्पताल के दो डाक्टर, मेल नर्स (वार्ड ब्वाय), आरपीएफ व एक रोगी है। सीनियर डीसीएम आदित्य कुमार चौधरी ने पांच लोगो के पाजिटिव होने की पुष्टि करते हुए बताया कि रोगियों को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है उन्होने कहा कि अस्पताल के कुछ आवश्यक सेवाओं को छोड़ बाकी काम सेनिटाइजेशन होने तक फिलहाल बंद रखा जाएगा। पूरे अस्पताल को सेनिटाइज किया जाएगा व रोगियों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर संपर्क में आए लोगों को चिन्हित किया जा रहा है ताकि उनसभी का टेस्ट व क्वारेंटाइन किया जा सके। ज्ञात हो कि बीते सप्ताह भर में रेलवे के आरपीएफ जवान, रेल कर्मचारी, कलाईकुंडा की गर्भवती महिला व अन्य कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। अंदेशा है कि अस्पताल के रोगियों के इलाज से ही डाक्टर व स्टाफ संक्रमित हुए हैं। रेल मुख्य अस्पताल के मेल मेडिकल के सीनियर डाक्टर ए के जायसवाल के अलावा नीमपुरा बी टाईप की रहने वाली लगभग 27 वर्षीय ट्रेनी जूनियर डाक्टर भी संक्रमित हुई है। खड़गपुर शहर थाना प्रभारी राजा मुखर्जी ने बताया कि 77 वर्षीय एक बुजुर्ग को रात में रेल अस्पताल से शालबनी कोविड अस्पताल ले जाया गया। इधर पहले से 12 संक्रमित आरपीएफ जवानों में से चार को डिस्चार्ज कर देने की खबर है जबकि बुधवार को संक्रमित हुए पांच लोगों में एक आरपीएफ जवान भी है जो कि रनिंग रुम में क्वारेंटाइन में थे। पता चला है कि रेल मुख्य अस्पताल में इलाज करा रहे कुछ रोगी जाना चाहे तो इलाज के लिए गार्डेनरीच तबादला किया जा सकता है व कुछ को डिस्चार्ज कर दिया जएगा जबकि कुछेक लोगों का ही इलाज हो सकेगा।
रेल अस्पताल सूत्रों से पता चला है कि कई कर्मचारियों को आठ घंटे की जगह पांच घंटे की ड्यूटी बीते एक पखवाड़े से कर दिया गया है व मेडिकल स्टाफ को ड्यूटी के बाद सेनिटाइज कर पीपीई किट खोल कर सहेज कर रखने व नहाकर घर जाने की व्यवस्था की गई है व पीपीई किट खोलने के बाद अस्पताल में दोबारा कर्मचारियों को घुसने की मनाही थी। माना जा रहा जिनलोगों के इम्युनिटी पावर अच्छे हैं वे रोग के संक्रमण का काम कर रहे हैं व उनसे अन्य लोग संक्रमित हो रहे हैं। इधर रेल अस्पताल के डाक्टर व अऩ्य लोगो के संक्रमित होने से पूरे रेल नगरी खासकर रेल कर्मचारी व पेंशन भोगी वृद्ध चिंतित है। अब शहरवासियों को संक्रमित हुए कोरोना योद्धा डाक्टर व मेडिकल स्टाफ के प्रति जज्बा दिखाने का अवसर है ज्ञात हो कि डा. जायसवाल पर कभी चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगा शहर के लोगों ने हमला भी कर दिया था तब डाक्टर जायसवाल क्षुब्ध होकर यहां से तबादला लेने का निर्णय ले चुके थे पर सीनियर डाक्टरों के समझाने पर पुनः काम के लिए माने थे अब शहरवासियों का इलाज करते डा. जायसवाल संक्रमित हुए हैं तो उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए सैल्यूट तो बनता ही है …. फार व्हाट ही डिजर्व्स …
Unknown
Male nurse is not Ward boy. First know the right thing then write in news paper to inform others. But don't post wrong information.