Home national शहीद जवान को दी गई भावभीनी अंतिम विदाई, भारती-मानस शहीदों को श्रद्धांजलि देने को लेकर आपस में भिड़े

शहीद जवान को दी गई भावभीनी अंतिम विदाई, भारती-मानस शहीदों को श्रद्धांजलि देने को लेकर आपस में भिड़े

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                         रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर : कश्मीर के अनंतनाग में  शहीद हुए सबंग के सिंहपुर निवासी सीआरपीएफ जवान श्यामाल कुमार दे का राजकीय सम्मान से उसके गांव में अतंम संस्करा कर दिया गया। इस अवसर पर सीआरपीएफ के आईजी प्रदीप कुमार सिंह, मिदनापुर के डीआईजी आपरेशन पंकज कुमार, सीआरपीएफ. 165 बटालियन के कमाडेंट विनोद कुमार मोहारील, एसपी दीनेश कुमार, सांसद देब राज्यसभा सांसद मानस भुईंया, सबंग की विधायक गीता भुईंया, भाजपा के प्रदेशउपाध्यक्ष भारती घोष सहित अन्य ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की।ज्ञात हो कि सबंग के जवान  देश की रक्षा करते हुए कश्मीर के अनंतनाग में शहादत दे दी थी। अनंतनाग के बिजहोरा में सीआरपीएफ के जवान रुटीन गश्ती लगा रहे थे तभी घात लगाए बैठे आतंकियो ने गोली चला दी जिससे श्यामल शहीद हो गया था।
भारती-मानस शहीदों को श्रद्धांजलि देने को लेकर आपस में भिड़े
इधर अतंम संस्कार के बाद ही भारती व मानस आपस में भिड़ गए। भारती घोष ने पत्रकारों मीडिया से बात करते हुए मानस भुईंया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मानस शहीद के श्रद्धांजली सभा में भी राज्य की मुख्यमंत्री के बीसों बार नाम ले रहे हैं लेकिन शहीद के बारे में वह कुछ नही कह रहें हैं उन्होने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य में शराब पीकर मरने वालों को सरकार 2 लाख रुपये देती है व शहीद जवानों के परिजन को भी 2 लाख दिया जा रहा है जबकि केंद्र की सरकार शहीद के परिजन को एक करोड़ रुपये दे रही है।

उन्होंने राज्यसभा सांसद डॉ मानसरंजन भुइयां पर तंज कसते हुए कहा कि वह मछली देखकर तालाब में उतरते हैं पहले वह जिस तालाब में वह थे वहां पर मछली नहीं रह गईं इसलिए अब वह मछली से भरे तालाब में तैर रहे हैं। भाजपा सभानेत्री भारती घोष ने कहा कि मानस भुईंया सीएम की चापलूसी कर रहें हैं जो कि लज्जा की बात है।

इधर मानस ने पलटवार करते हुए कहा कि श्यामल के नाम पर मैंने 500 बार नारा दिया मेरा गला बैठ गया पर क्यों भारती इस तरह की बात कर रही है उसे नहीं पता उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री का नाम बीस नहीं बीस हजार बार लेंगे उन्होने कहा कि भारती ने पुलिस का डंडा लेकर नौकरी की है इसलिए शहीदों के परिजनों को मर्म नहीं समझ सकती वह मुख्यमंत्री के निर्देश पर शहीद की अंतिम विदाई में जुटे हैं उन्होने भारती की बात पर आश्चर्य करते हुए कहा कि श्यमाल हमारे लिए गर्व है व रहेगा।

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