Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the covernews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/kgpndnog/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
शिवसेना ने राज्यपाल के ए.डी.सी.को किया मेल, अन्य राज्यों में फंसे बंगाल के मजदूर व स्वर्ण कारीगरों को,मदद दिलाने की मांग, कहा बंगाल सरकार को इस संबंध में काम करने का दे निर्देश - Kgp News
April 16, 2025

शिवसेना ने राज्यपाल के ए.डी.सी.को किया मेल, अन्य राज्यों में फंसे बंगाल के मजदूर व स्वर्ण कारीगरों को,मदद दिलाने की मांग, कहा बंगाल सरकार को इस संबंध में काम करने का दे निर्देश

0

खड़गपुर। अन्य राज्यों में फंसे बंगाल के मजदूर व स्वर्ण कारीगरों को मदद दिलाने की मांग शिवसेना ने राज्यपाल के ए.डी.सी.को ई-मेल के माध्यम से पत्राचार किया व मांग की कि बंगाल सरकार को इस संबंध में आवश्वयक कार्रवाई करने का निर्देश दे ताकि मजदूरों को राहत मिल सके। बंगाल के शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष डा. उज्जवल कुमार घटक ने कहा कि बंगाल के विस्थापित मजदूर व स्वर्ण कारीगर पश्चिम बंगाल के बाहर फंसे हुए हैं और भोजन और बुनियादी सुविधाओं के बिना बहुत ही खराब स्थिति में हैं।मजदूरों के पास  यातायात की सुविधा ना मिलने पर कई लोग अपने खर्च पर निजी वाहनों की व्यवस्था कर रहे हैं, पश्चिम बंगाल लौटने के लिए। उन्होने आरोप लगाया कि, पश्चिम बंगाल के जिला कलेक्टर व बीडीओ ऐसे पास जारी करने से इनकार कर रहे हैं, और परिणामस्वरूप कई प्रवासी मजदूर और सुनार भाई सैकड़ों मील पैदल चलकर वापस लौट रहे हैं। उन्होने कहा लकि  पश्चिम मेदिनीपुर जिले के लगभग तीन लाख स्वर्ण कारीगर हैं, और पश्चिम बंगाल के लगभग 10 लाख ये लोग मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, सतारा, अकोला, जलगाँव, अहमदाबाद, जौधपुर, दिल्ली, हरियाणा, भटिंडा, सिमला, इंदौर में फंसे हुए हैं। लखनऊ, कोयम्बटूर, विशाखापत्तनम, सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, चेन्नई और कटक आदि स्थानों पर रोजी रोटी के लिए गए हैं। पश्चिम बंगाल सरकार के पास कोई डेटाबेस नहीं रखा गया है जबकि मजदूरों की संख्या लाखों में है इसलिए पश्चिम बंगाल सरकार से अनुरोध है कि वह इन सभी स्थानों से प्रतिदिन कुल 30 ट्रेनों का संचालन करे ताकि मजदूरों व उसके परिवार के सदस्य जो बहुत कठिन परिस्थितियों में है राहत पा सके। बंगाल के राज्यपाल से निवेदन किया कि उक्त मामले में जल्द से जल्द विचार करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश जारी करे ताकि माइग्रेट किए गए मजदूरों व स्वर्णकार भाइयों और पश्चिम बंगाल के इन-हाउस मजदूरों को न्याय मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *