मजदूर की मंजिल ….!!

प्रवासी मजदूरों की  त्रासदी पर पेश है  खांटी  खड़गपुरिया की चंद लाइनें ….
मजदूर की  मंजिल ….!!
तारकेश कुमार ओझा
—————————-
पत्थर तोड़ कर सड़क बनाता है मजदूर
फिर उसी सड़क पर चलते हुए उसके पैरों पर पड़ जाते हैं छाले 
वोट देकर सरकार बनाता है मजदूर
लेकिन वही सरकार छिन लेती है उनके निवाले
कारखानों में  लोहा पिघलाता है मजदूर
फिर खुद लगता है गलने – पिघलने
रोटी के  लिए घर द्वार छोड़ देता है मजदूर
लेकिन आड़े वक्त में  वहीं लगता है पुकारने
..………………..

———————————————————
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं। संपर्कः 9434453934, 9635221463

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

0 Shares
  • 0 Facebook
  • X (Twitter)
  • LinkedIn
  • Copy Link
  • Email
  • More Networks
Copy link