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रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर। देबब्रत रुईदास बंगाल के दांतन थाना इलाके में बने क्वारेंटाईन सेंटर में अपने अन्य तीन साथियों के साथ दिन काट रहे हैं सभी का एक ही लक्ष्य है किसी तरह घर पहुंच जाए। बांकुड़ा जिले के सोनामुखी थाना के पात्रसाई गांव के 22 वर्षीय युवक देबब्रत पश्चिम वर्द्धमान जिले में रहने वाले अपने तीन साथियों के साथ बीते अक्टूबर में आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिला के टेक्काली बाईपास में रह रहा था ये सभी वहां रेल ओवरब्रिज बनाने वाली कंपनी के अधीन ठेकेदार मजदूर था। बीते ढ़ाई महीने से मजदूरी नहीं मिली थी लाकडाउन के कारण जो जमा पैसे थे वे भी खर्च हो गए भुखमरी की स्थिति आ गई तो चारों दोस्तों ने साईकिल से गांव निकल आने का मन बना लिया दो नई व दो पुरानी साईकिल खरीद ली गई व झोला लेकर एक सप्ताह पहले आंध्रप्रदेश से बंगाल के लिए रवाना गए। देबब्रत ने बताया आंध्रप्रदेश से उड़ीसा की सीमा में दाखिल हो गए लेकिन शनिवार को बंगाल-उड़ीसा की सीमा के नजदीक पहुंचे तो उड़ीसा के स्थानीय लोगो ने डरा दिया आगे जाने पर साईकिल छीन ली जाएगी व मारपीट की जाएगी जिससे चारों डर कर सड़क रास्ते छोड़ रेल पटरी पकड़ लिए लेकिन साईकिल साथ में रखे ताकि सुरक्षित स्थान आने पर फिर से सड़क मार्ग से घर चले आएंगे। लेकिन रेल लाईन की निगरानी कर रहे आरपीएफ जवानों की नजर पड़ी तो चारों को पकड़कर आंगुआ ले गए जहां से उन्हें डिटेंशन कैंप में रख दिया गया। देबब्रत का कहना है महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल पटरी में हुए हादसे के बारे में उनलोगों ने नहीं सुना है हांलाकि इस बीच घर वालों से बात हुई है किसी ने बताया नहीं। देबब्रत के साथी का सनातन का कहना है कि उनलोगों की स्वास्थय परीक्षा हुई है खाना भी खाने को मिला पर कब तक घर जाएंगे कह नहीं सकते।
स्वास्थय जांच के बाद किया जाएगा रवानाः एसडीओ
खड़गपुर के एसडीओ वैभव चौधरी का कहना है कि रेल लाईन से जो लोग बरामद हुए हैं उनलोगों का स्वास्थय परीक्षण करा जो लोग बंगाल के विभिन्न जिलों के हैं उन्हे तो बस से छोड़ दिया जाएगा लेकिन जो लोग अन्य राज्य के हैं संबंधित राज्य सरकार से बात कर उन्हें ट्रेन या अन्य माध्यम से भेजा जाएगा तब तक वे लोग कैंप में रहेंगे। एसडीओ ने बताया कि दूसरे जिले के रहने वाले लगभग 500 से 600 लोगों को प्रतिदिन रवाना किया जा रहा है। रेल पुलिस सूत्रों अनुसार रेल पटरी से लौट रहे कुल 23 लोगों को राज्य पुलिस को सौंपा गया।
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खड़गपुर-बालेश्वर रुट में रेल पटरी से घर लौट रहे 65 श्रमिक बरामदः रेल पीआरओ
खड़गपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य चौधरी ने बताया कि शनिवार व रविवार को मजदूरों का कुल पांच जत्था रेल ट्रैक पर बरामद किया गया। पीआरओ आदित्य का कहना है कि मजदूरों की सुरक्षा को देखते हुए ओवरहेड तार की सप्लाई कई बार काटी गई व ट्रेनों की स्पीड कम की गई जबकि कई बार यातायात बाधित हुई। सबसे पहले शनिवार की सुबह 11 बजे 14 मजदूर जालेश्वर व लक्ष्मणनाथ स्टेशन के बीच बरामद किए गए ये लोग रेल्वे ट्रैक पर चलते हुए बेल्दा कि ओर आ रहे थे दोपहर दो बजे 24 मजदूरों का जत्था हल्दीपोखर के पास आरपीएफ ने बरामद किया। रात साढ़े आठ बजे सोरो व मारकोना के बीच 14 मजदूर बरामद हुए जिसके कारण कुल 7 मालगाड़ी ट्रेनें लेट से चली।रविवार की सुबह सवा आठ बजे पांच लोगों को एएफओ व मारकोना स्टेशन के बीच व सवा दस बजे 8 श्रमिक बालासोर- हल्दीपदा के बीच मिले।ज्यादातर श्रमिक दक्षिण भारत से लौट रहे थे व मुर्शिदाबाद, बीरभूम, पश्चिम वर्धमान सहित अन्य जिले के हैं। बरामद लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया या राजमार्ग में छोड़ा गया ताकि ये लोग अपने गंतव्य की ओर जा सके। इधर साउथ ईस्टर्न रेलवे के पीआर विभाग का कहना है कि रेल प्रशासन ने श्रमिकों के मामले को गंभीरता से लेते हुए एडवाइजरी जारी किया है ताकि तरह की गतिविधियां दिखी तो तुरंत मजदूरों को समझा कर उन्हें रेल्वे ट्रैक से दूर किया जाए व उनके खाने पीने की भी व्यवस्था किया जाए व अगर मुमकिन हो तो किसी अन्य यातायात के माध्यम से उनके घर जाने की व्यवस्था भी कि जाए। इसके अलावा लोकोपायलटों यानी ट्रेन ड्राईवरों को भी निर्देश दिया गया कि वे मालगाड़ी ले जाते वक्त ट्रैक पर बारीकी से नजर रखें व समय समय पर हार्न भी बजाते रहे ताकि औरंगाबाद जैसी घटनाओं का पुनरावृत्ति ना हो।
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