रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर। टीएमसी नेता पर राशन दुकान में गलत सरकारी बैनर लगा लोगों को संशय में डाल राशन में गड़बड़ी का आरोप लगा है पुलिस आरोपी युवकन को हिरासत में ले पूछताछ किया व बाद मे रिहा कर दिया। जानकारी के मुताबिक खड़गपुर शहर के मलिंचा 14 नंबर वार्ड में बाजार में स्थित राशन दुकान के पास बैनर लगा मिला उक्त जगह पर राशन की चार दुकानें हैं । आरोप है कि टीएमसी के स्थानीय नेता ने बैनर लगाया जो कि खाद्य व आपूर्ति विभाग की ओर से प्रचारित किया गया उल्लेख था जिसमें 10 हजार रु मासिक आय, सरकारी पेंशन भोगी, सरकारी व सरकार अनुमोदित संस्था, करदाता व्यवसायी,5 एकड़ से ज्यादा खेत के मालिक होने, चार पहिए वाहन के मालिक सहित अन्य लोगों को राशन ना लेने व कार्ड सरेंडर करने की बात कही गई थी अन्यथा विभाग की ओर से राशन कार्ड रद्द कर दिए जाने की बात का उल्लेख था।
एमआर दुकान से जुड़े संचारी सामंत का कहना है कि स्थानीय टीएमसी नेता शैवाल चटर्जी ने अपने सहयोगी के साथ बैनर लगाया। आरोप है कि बैनर देखकर कई लोग राशन नहीं लेकर चल दिए। घटना पर रोष जताते हुए स्थानीय कांग्रेस पार्षद रीता शर्मा का कहना है कि टीएमसी नेताओं ने उक्त बैनर लगाकर ग्राहकों को सामान ना ले जाने पर कालाबाजारी करने की योजना थी। खाद्य अधिकारी सौम्य चटर्जी ने कहा कि विभाग की ओर से बैनर नहीं लगाया गया है मामला बिगड़ने पर पुलिस शैवाल को लेकर थाना गई पर टीएमसी के बड़े नेता के हस्तक्षेप से उसे छोड़ दिया गया। टीएमसी के खड़गपुर शहराध्यक्ष रबि पांडे का कहना है कि शैवाल का पार्टी से कोई लेना देना नहीं।
पश्चिम मेदिनीपुर जिले के लोगों को सुचारू व नियमित रूप से राशन मिल सके यह सुनिश्चित करने के लिए डेपुटि मजिस्ट्रेट की नियुक्ति प्रत्येक ब्लाक व नगरपालिका में की गई है ताकि नगरपालिका व ग्राम पंचायत के विभिन्न राशन दुकानों में सरप्राइज विजिट कर यह देखेंगे कि राशन डीलर लोगों को राशन देने में कोई गड़बड़ी तो नहीं कर रहे हैं। ज्ञात हो कि मार्च महीने में ही लॉक डाउन लागू होने के बाद से राज्य सरकार द्वारा गरीबों को निशुल्क राशन देने की घोषणा की गई थी जिसका पालन कर सभी राशन दुकान लोगों को फ्री में राशन दे भी रहे थे लेकिन इसी बीच जिले के कई जगहों से डीलर द्वारा राशन वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थी वहीं खाद्य विभाग द्वारा कई डीलरों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई लेकिन फिर भी शिकायतों का आना बंद नहीं हुआ जिसके बाद उक्त निर्णय लिया गया।
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