रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर। खड़गपुर रेल मुख्य अस्पताल में भर्ती आरपीएफ जवान सहित कुल तीन जवानों को दूसरी बार रिपोर्ट निगेटिव आने से शुक्रवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया जबकि दो का अभी भी इलाज चल रहा है कुल 11 में से छह की पहले ही छुट्टी हो चुकी है। ज्ञात हो कि आज खड़गपुर रेल मुख्य अस्पताल, टाटा टीएमएच व उलबेड़िया संजीवनी में इलाज करा रहे तीन जवानों की छुट्टी हो गई है जबकि उलबेड़िया व कटक में दो जवानों का अभी भी इलाज चल रहा है।11 में से डिस्चार्ज हुए सभी नौ जवानों को फिलहाल एहतियातन क्वारेंटाईन में रखा गया है।
जवानों को छुट्टी मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए डीआरएम मनोरंजन प्रधान ने खड़गपुर के डिवीजनल अस्पताल के सीएमएस एस.ए.नज्मी, डाक्टरों की टीम, नर्सों व मेडिकल स्टाफ की प्रशंसा करते हुए कहा कि इलाज में कई तरह की अड़चनें आने के बावजूद प्रथम कोविड रोगी का स्वस्थ हो जाना सराहनीय है। ज्ञात हो कि खड़गपुर रेल अस्पताल में इलाज हुए रोगी को लेकर रेल प्रशासन व जिला प्रशासन के बीच अनबन जगजाहिर है। रेल प्रशासन की ओर से कई बार चिट्ठी लिखे जाने के बावजूद जिला स्वास्थय विभाग की ओर से जवाब ना दिए जाने पर टीबी अस्पताल में क्वारेंटाईन में रहे जवान को कोविड अस्पताल के बजाय रेल मुख्य अस्पताल में रखकर ही इलाज करना पड़ा। यह पूछे जाने पर कि भविष्य में कोरोना पाजिटिव होने पर रेल क्या करेगी खड़गपुर रेल मंडल के पीआरओ आदित्य कुमार चौधरी कहते हैं प्रोटोकॉल के हिसाब से हम जिला प्रशासन को बताएंगे अगर जिले के कोविड अस्पताल में जगह मिली तो ठीक नहीं तो आने वाले चुनौती के लिए हम तैयार है।
ज्ञात हो कि उक्त सभी जवान दिल्ली से लौटे हुए जवान है। जवानों के कोरोना पाजिटिव होने के कारण खड़गपुर नगरपालिका के वार्ड 18 व 28 कंटेनमेंट जोन 12 मई तक के लिए कर दिया गया है लेकिन अब जवानों के निगेटिव आने से व डिस्चार्ज होने से कंटेनमेंट जोन की तिथि आगे ना बढ़ने में सहायक हो सकती है। ज्ञात हो कि रेल मुख्य अस्पताल में जवान का इलाज कराने पर मेंस कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज करते हुए रोगी को अन्यत्र ले जाने की मांग करते हुए विरोध दर्ज किया था मेंस कांग्रेस के खड़गपुर वर्कशाप संयोजक राकेश कुमार सिंह का कहना है कि रेल मुख्य अस्पताल में इलाज कराना अन्य रोगियों के लिए खतरा है इसलिए रेल को कोरोना रोगी के लिए अन्यत्र व्यवस्था करना चाहिए कुछ ऐसा ही राय डीपीआरएमएस के जोनल महासचिव रखते हुए कहते हैं कि रेल प्रशासन को रोगियों के लिए विकल्प तलाशने चाहिए
जबकि मेंस युनियन के डिवीजनल कोआर्डिनेटर बिश्वजीत लाहा ने कहा कि राज्य सरकार को कोरोना रोगी को भर्ती लेना चाहिए था। इधर साउथ इस्टर्न रेलवे मेंस तृणमूल कांग्रेस के जोनल महासचिव अजय कर का कहना है कि राज्य सरकार को रेल कर्मी व पेंशनर्स अगर पीड़ित होते हैं तो कोविड अस्पताल में दाखिल लेना चाहिए।
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