खड़गपुर, 17 अप्रैल, कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे खड़गपुर सहित अपने चार डिवीजनों में पुन: प्रयोग होने वाली फेस मास्क व सेनिटाइज़र का उत्पादन युद्धस्तर पर कर रहा है यह दावा दपूरेलवे के पीआर विभाग ने की। रेलवे का कहना है कि खड़गपुर, आद्रा, रांची और चक्रधरपुर सहित खड़गपुर वर्कशाप में भी मास्क और सैनिटाइज़र रेलवे के चिकित्सा विभाग के पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन में तैयार हो रहे हैं।
खड़गपुर वर्कशॉप सहित एसईआर के की सभी डिवीजनल यूनिट्स ने अब तक कुल 68,694 पुन: प्रयोग हो सकने वाली फेस मास्क और 3,640 लीटर हैंड सैनिटाइजर का उत्पादन कर लिया है।
खड़गपुर रेल मंडल के पीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि खड़गपुर रेल मंडल ने अब तक 25,000 मास्क और 600 लीटर सेनिटाइजर बनाए हैं जबकि खड़गपुर वर्कशाप के मुख्य कार्य प्रबंधक शुभेंदु कुमार चौधरी ने कहा कि हमारे कर्मचारियों ने अब तक लगभग 3k मास्क और एक हजार लीटर सैनिटाइज़र बना लिया है।इधर पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे माल ढुलाई और पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने के लिए समुचित प्रयास कर रहा है।
फेस मास्क और हैंड सैनिटाइज़र को लोको पायलट, गार्ड और संबंधित कर्मचारियों के बीच वितरित किया जा रहा है, जो माल और पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने में लगे हुए हैं ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके सभी कर्मचारियों को मास्क व ग्लोवस वितरित करने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा मास्क और सेनिटाइज़र रेल अस्पतालों में भेजे जा रहे हैं। ज्ञात हो कि कोविड-19 प्रभावित लोगों के इलाज के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से रोकने के लिए दपूरे की खड़गपुर वर्कशाप और खड़गपुर मंडल इकाई में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीइ) किट का उत्पादन शुरू किया गया है।
दपूरेलवे के पीआर विभाग का दावा है कि इन-हाउस उत्पादन न केवल फ्रंटलाइन कर्मचारियों और स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क, सैनिटाइज़र और पीपीई की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, बल्कि इससे लागत में भी कमी आएगी।
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