रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर। उड़ीसा सीमा पर फंसे बंगाल के मरीज को घर पहुंचाने को लेकर भाजपा व टीएमसी के बीच राजनीतिक लड़ाई छिड़ गई है। भाजपा ने राज्य सरकार पर सीमा पर फंसे लोगों को वापस लाने में कोताही बरतने का आरोप लगाया जबकि टीएमसी ने आरोप को नकारते हुए कहा कि राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए अनर्गल प्रलाप कर रही है भाजपा जबकि पुलिस ने 500 लोगों को उड़ीसा सीमा से एंट्री देने का दावा किया है। ज्ञात हो कि उड़ीसा व बंगाल की सीमा पर फंसे मरीज व उसके परिजनों पर भाजपा प्रदेशाध्क्ष भारती घोष ने कहा कि वे पश्चिम मिदनापुर जिले की सीमा दांतन के सोनाकेनिया में फंसे मरीजों और उनके रिश्तेदारों को वेल्लोर से वापस राज्य में प्रवेश करने दें। कई परिवार ऐसे हैं जो मरीजों के साथ चार या पांच दिनों तक असहाय पड़े हैं प्रशासन उन्हें राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे रहा है। भारती घोष का कहना है कि कई परिवार लगभग लाखों रुपये खर्च कर कार किराए पर लेकर राज्य लौट रहा था इन लोगों को वेल्लोर प्रशासन ने अनुमति दी है फिर बंगाल को वापस क्यों नहीं लेना चाहिए। राज्य सरकार को आड़े हाथो लेते हुए हुए, भारती घोष ने सवाल उठाया, क्या राज्य के असहाय लोगों के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं है? सरकार को उन्हें भोजन उपलब्ध कराने, अपने रोगियों के लिए दवाएँ खरीदने, चार-पाँच दिनों के लिए सीमा पर रोके बिना राज्य में प्रवेश करने की अनुमति देकर उनके संक्रमण की जाँच करने की आवश्यकता थी क्योंकि वे दूसरे राज्य से आए थे, और अगर कुछ नहीं मिला तो उन्हें घर भेजने के लिए व्यवस्था क्या कार्रवाई करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है?
भारती के सवालों का जवाब देते हुए टीएमसी के जिलाध्यक्ष अजित माईति का कहना है कि भारती अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है इसलिए घर बैठ उलजलूल वीडियो जारी करती रहती है उन्होने कहा कि सीमा के लोगों को वापस ले आया गया है कुछ ऐसा ही दावा करते हुए दांतन थाना प्रभारी सुब्रत मजूमदार ने कहा कि सोमवार तक हमलोग लगभग 500 लोगों का बंगाल में प्रवेश करा चुके हैं अब सीमा में फंसे हुए लोग लगभग नहीं है उनलोगों को खड़गपुर में ठहरा कर स्वास्थय जांच की गई व घर वापस भेजा गया इधर भारती का कहना है कि उसके वीडियो देखने के बाद सरकार हरकत मे आई है पहले जो लोग लाए गए उसकी संख्या काफी कम है अब भी उसके पास सीमा में प्रवेश ना मिलने की शिकायतें आ रही है।
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