जयहिंदनगर गोलीकांड में दो गिरफ्तार, आग्नेयास्त्र सहित कारतूस जब्त, पुलिस पूछताछ कर मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी, रेलवे टेंडर को लेकर गुटीय लड़ाई
खड़गपरु, जयहिंदनगर गोलीकांड में तीन आरोपियों में से दो को पुलिस गिरफ्तार कर बुधवार को खड़गपुर महकमा अदालत में पेश की तो जज ने दोनों को पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे टेंडर को लेकर हुई गुटीय लड़ाई का नतीजा है उक्त कांड, ज्ञात हो कि रेल शहर खड़गपुर में टेंडर की आय बंटवारे को लेकर पहले भी कई हिंसक वारदातें हो चुकी है जिसमें कई लोगों की जानें भी जा चुकी है.
पुलिस विक्की पिल्लई व उतत्म कोंडल नामक दो युवकों को गिरफ्तार कर उनलोगों के पास से दो आग्नेयास्त्र, कई राउंड गोली, नगद व स्कुटी जब्त की है। ज्ञात हो कि खड़गपुर शहर के वार्ड नंबर 15 जयहिंदनगर में मंगलवार को दोपहर स्कुटी में आए तीन युवकों ने बी संतोष कुमार नामक युवक को टारगेट कर फायरिंग की जिससे संतोष जख्मी हो गया था।
टीएमसी कार्यालय के समीप कुछ युवक दोपहर में बैठे हुए थे तभी अचानकर मुख में कपड़े बंधे हुए तीन युवक आए व ताबड़तोड़ चार से पांच राउंड गोली चला दी थी जिससे बाकी युवक तो भागने में सफल हो गए पर स्थानीय बिलडिंग में रहने वाले बी सतोष कुमार के पैर में गोली लगी घटना के बाद युवक वहां से फरार हो गए घायल संतोष को अस्पताल ले जाया गया था। संतोष का दावा है कि वह टीएमसी समर्थक है पैर में पहले से समस्या होने के कारण वह जल्द से भाग नहीं पाया व उसी को लक्ष्य किया गया था।
घटना के बाद पुलिस सीसीटीवी खंगाल कर दो बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफल रही पुलिस का कहना है कि जिले में किसी भी तरह की अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टीएमसी नेता सुजय हाजरा ने घटना को राजनीतिक मानने से इंकार करते हुए व्यक्तिगत रंजिश करार दिया था जबकि विपक्षी भाजपा, कांग्रेस व वामो शहर के ला एंड आर्डर पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। विपक्षियों का कहना है कि उक्त पार्टी कार्यालय असामाजिक गतिविधि का अड्डा बन गया था। घटना से लोग दहशत में है।
इससे पहले 15 नंबर वार्ड के टीएमसी पार्षद बंटामुरली के घर डकैती, फिर उसी वार्ड के पूर्व पार्षद अंजना साखरे के पति पर जगन्नाथ मंदिर के पास हमला हुआ था।
ज्ञात हो कि 27 जून 99 में आज के ही दिन मानस चौबे की खरीदा में हत्या हुई थी। समय के साथ स्थान, काल व किरदार बदले पर दहशत यथावत है। शहरवासी शांति की आस में 25 बसंत गुजार चुके पता नहीं अभी और कितना इंतजार बाकी है!
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