खड़गपुर, मेंस कांग्रेस में गुटबाजी सतह पर आ गई है दोनों गुट एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं व प्रशासन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इधर गुटबाजी से परेशान युनियन सदस्य पसोपेश में है। मेंस कांग्रेस के नेता व पूर्व जीएस एस.आर मिश्रा ने बीते दिनों खड़गपुर का दौरा किया व विरोधी गुट की ओर से उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार पर सफाई दी। ज्ञात हो कि बीते दिनों रंजीत भादुड़ी सहित अन्य नेताओं ने एसआऱ मिश्रा पर परिवारवाद व भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
एस आऱ मिश्रा ने कहा कि रंजीत भादुड़ी व अन्य विरोधी लोगों को युनियन से निकाल दिया गया है व वे लोग खुद भ्रष्टाचार में लिप्त है। ज्ञात हो कि सन बीते सीओबी के जो चुनाव हुए थे उसे न्यायालय में चनौती दी गई है दोनों गुट के अपने अपने दावे- प्रतिदावे हैं। मिश्रा का कहना है कि उसे पुनः काम करने की मंजूरी मिली है जबकि विरोधी गुट का कहना है कि मिश्रा कर्मचारियो को बरगला रहे हैं। मिश्रा पर आऱोप है कि उसने अपने भाई को बतौर एजीएस नियुक्त कर दिया है जो कि गलत है जबकि मिश्रा का कहना है कि उसके भाई का चुनाव युनियन ने सर्व सम्मति से किया है व वे उस बैठक में उपस्थित नही थे मिश्रा ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को भी इंकार करते हुए किया विरोधी गुट का आऱोप है कि युनियन के कार्य़ालय को भाड़ा में चलाया जा रहा है।
मिश्रा का कहना है कि अक्षय़ भवन को लेकर उन पर आरोप लगाया जा रहा है जिसकी उसे रेल से मंजूरी मिली हुई है उलटा उन्होने आद्रा के नेता पर अंग्रेजी माध्यम के स्कुल अवैध तरीके से चलाने का आरोप लगाया व कहा कि रंजीत भादुड़ी पर नौकरी के नाम पर दो लाख रु लेने का आरोप है व हुगली जिले के गुड़ाप थाना में उसके खिलाफ थाना में महिला ने शिकायत हुई है व भादुड़ी को जमानत लेना पड़ा। मिश्रा ने एक जोनल अधिकारी पर विरोधी गुट को संरक्षण देने का आरोप लगाया.
इधर रंजीत का कहना है कि नौकरी के नाम पर पैसे लेने के नाम पर उसके खिलाफ साजिश की गई। रंजीत का कहना है कि मिश्रा ना तो एसईआऱएमसी का सदस्य है ना ही पद पर है उनहोने मिश्रा पर युनियन को बर्बाद करने का आरोप लगाया। विरोधी गुट भी मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप अधिकारियों पर लगा रहे हैं। इधर सामने युनियन चुनाव के मद्देनजर मेंस कांग्रेस के सदस्य भी असमंजस में है। बहरहाल मामला न्यायालय में लंबित है अब देखना है कि युनियन चुनाव से पहले ऊंट किस करवट बैठता है फिलहाल दोनों गुट के अपने अपने दावे- प्रतिदावे हैं।
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