खड़गपुर में विश्व सनातन संत महासभा द्वारा अखिल बंग संत सम्मेलन आयोजित की गई है जिसमे पश्चिम बंगाल के प्रत्येक जिले से विभिन्न मत एवं सम्प्रदाय के लगभग 150 संत एकत्रित हुए हैं जो कि बंगाल की भूमि पर पहली बार हो रहा है उद्देश्य है धर्मच्युत सनातनियों को जाग्रत करना एवं संगठित करना है .यह सम्पूर्ण रुप से अराजनैतिक प्रयास है . यह एक धार्मिक , सामाजिक व सास्कृतिक आयोजन है जिसमें सारे सनातनियों को धार्मिक आस्था व संस्कार के प्रति सचेत कर अपसंस्कृति से दूर कर सुसंस्कृत की जागृति देना है . इसी क्रम में संतो धर्म-सभा की गई जहां सारे संत सनातन धर्म के उत्थान और प्रसार लिए आवश्यक विचार-विमर्श किए मंदिर समियों को , भजन मंडलियों को व जन सामान्य को मार्ग दर्शन दिए . आशा का संचार किए , प्रोतसाहित किए इसके साथ ही साधु-संत व जन साधारण मिलकर एक धार्मिक शोभा यात्रा सुबह खड़गपुर गोलबाजार के गुजराती मित्र मंडल से प्रारंभ होकर खड़गपुर के कौशल्या , तालबगीचा से निमपुरा , मालंचा होते हुए खरीदा से पुनः गोलबाजार के प्रस्थान स्थल पर विराम पाई जो खड़गपुर के सभी मंदिर , अन्य धार्मिक संगठन व भजन मंडली के सम्मिलित पुरूषार्थ से संभव हुआ .सभा में सांसद दिलीप घोष व विधायक हिरण चटर्जी भी शामिल हुए।
मूल उद्देश्य :
विश्व सनातन संत महासभा नामक संगठन की स्थापना प्राचीन भारतीय सनातन धर्म सम्मत गुरुकुल वैदिक शिक्षा व्यवश्था के पुनर्स्थापन के उद्देश्य से किया गया है ताकि हमारे भारतीय संस्कृति को विदेशी षड्यंत्रकारी आघातों से रक्षा की जा सके .महासभा पूरे भारत में पुनः भारतीय गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में प्रयासरत है .
कार्यक्रम :
विश्व सनातन संत महासभा आगामी 7 सितंबर को उत्तराखंड के हरिद्वार के जूना अखाडा का महादेवी मंदिर से ” सनातन गुरुकुल शिक्षा चेतना यात्रा ” संतो के नेतृत्व में निकलेगी जो पूरे भारत के प्रत्येक शहर , नगर व गांव में जाएगी और साधारण जन को गुरुकुल शिछा व्यवशथा और वर्तमान शिक्षा व्यवश्था के अंतर को , महत्व को समझा कर जाग्रत करेंगे साथ गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को गांव – गांव में स्थापित करेंगे . इसी उद्देश्य से बंगाल खड़गपुर से इस पुण्य यज्ञ का श्री गणेश किया गया है . यह यात्रा पूरे भारत की परिक्रमा कर राजधानी दिल्ली पहुंचेगी और इस पुनीत उद्देश्य में सरकार का ध्यान भी आकृष्ट करेगी .
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