✍️ जे आर गंभीर
बारंबार ठगे जाने के बावजूद जो सतर्क न हो , उनको क्या कहा जाए. विभिन्न चिट-फंड कंपनी के फंदे में फंस कर आर्थिक गच्चा खाने वाला भी , पुनः कम समय में एवं परिश्रम विहीन आसान आय का ऑफर देख़कर फंस जाता हो तो वजह है लालच ! जिंदगी की बढ़ती जरुरत के साथ ही बढ़ती हुई आकाक्षाओं की पूर्ति में आमदनी बढाने का दबाव , इंसान की सही-गलत में फर्क करने की चेतना सुन्न कर देती है . इंसान के इसी मानसिकता को नजर में रख कर धूर्त लोग हमेशा एक नया जाल बिछाते हैं .साल 2016 में एक ऐसा ही एक आकर्षक ऑफर आया था . फ्रीडम ग्रुप के अधीन फ्रीडम मोटर्स की एक योजना थी जिसमें हजारों लोग लाखो-लाख निवेश किए जो अंततः डूब गया . रेलनगरी खड़गपुर से भी सैकडों लोग अपनी श्रम से अर्जित लाखो-लाख अर्थ गंवाए पूरे राज्य से हजारो – हजार लोग ठगी के शिकार हुए . आखिरकार पुलिस की शरण लिए खड़गपुर के सैकड़ों लोग और खड़गपुर के टाउन थाना में बीते शुक्रवार को बारुईपुर , वकीलपाडा के देवदूत भट्टाचार्य के नाम शिकायत दर्ज करवाए . वे ही हैं फ्रीडम ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक। पीड़ितों का कहना है कि आरोपी फिलहाल सपरिवार फरार हैं .
खड़गपुर के पीड़ितों के बयान अनुसार साल 2016 में अखबारों में आकर्षक विज्ञापन देकर बताया गया कि OLA एवं UBER में गाडी़ देने के इच्छुक संपर्क करें . संपर्क करने पर मालूम हुआ ₹2.5 लाख एक गाडी के लिए देने पर महिने में ₹10 हजार निवेशक को मिलेंगे . बाकी सारी व्यवस्था फ्रीडम कंपनी देखेगी . निवेशकों को गाड़ी की एक पावर ऑफ एटोर्नी दी जाएगी . इस प्रकार प्रति व्यक्ति ₹ 2.5 लाख जमा करवाया जाना शुरु हो गया पूरे राज्य में . खड़गपुर से भी प्रायः100 लोग निवेश किए हैं . साल 2016 से 2019 तक सभी नियमित लाभांश पाते रहे फिर 2 वर्ष तक लॉकडाउन में लाभांश वितरण बंद रहा . फिर फ्रीडम कंपनी ने बताया सारी गाड़ियां फायनेंशर टान लिए हैं और इधर 29 दिसंबर से किस्तों में निवेश लौटाने का वादा फ्रीडम के मालिक देवदूत भट्टाचार्य ने किया ओर अचानक सपरिवार कोलकाता से फरार हो गया . खड़गपुर शहर थाना प्रभारी विश्वरंजन बनर्जी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है।
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