✍ रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर। चुनाव बाद हिंसा मामले में पीड़ितो को न्याय की उम्मीद दिलीप घोष ने जताया ज्ञात हो कि कोलकाता हाईकोर्ट की ओर से मामले को सीबीआई को सौंप दिया है दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी कोर्ट में झूठ बोला यह प्रमाणित हो चुका है। खड़गपुर में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सांसद ने कहा कि अफगानिस्तान में जो भारतीय फंसे है उनलोगों को देश वापस लाया जाएगा उन्होने मोदी पर भरोसा करने की सलाह देते हुए कहा कि दीदी पर भरोसा करेंगे तो तालिबानी गोली मिलेगी। दिलीप ने मदर डेयरी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य में सिंडिकेट राज्य चल रहा है पांच सौ रु के लिए लोग लाइन में कुचल कर मारे जा रहे हैं लोगों की हालत भिखारी की तरह बना दिया गया है मोदी ने 12 करोड़ किसान को उसके बैंक में रु ट्रांसफर कर दिया। उन्होने कहा कि आम लोगों के टैक्स के पैसे को बांटा कर क्रेडिट लेना चाहती है ममता। ज्ञात हो कि दिलीप घोष डीआरएम मनोरंजन प्रधान से मिले व मेदिनीपुर संसदीय क्षेत्र के अधीन रेलवे से संबंधित समस्याओं पर बातचीत की व समस्या के निराकरण के लिए रेल मंत्रालय से भी बातचीत करने का भरोसा दिया। इससे पहले वे सुबह साउथ साइड गोल्डन चौक में चाय पर चर्चा में शामिल हुए व खड़गपुर स्टेशन के निर्माणाधीन सेकेंड एफओबी का निरीक्षण किया व नीमपुरा में एमपी लैड से निर्माणाधीन सड़क का भी निरीक्षण किया। सांसद प्रतिनिधि अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सड़क पर कुल 10 लाख 70 हजार खर्च हुए हैं व जरुरुत पड़ने पर और पैसे दिए जाएंगे।
ज्ञात हो कि दांतन में सांसद को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के दांतन थाना इलाके के मनोहरपुर में तृणमूल समर्थकों द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष की गाड़ी रोकने का वीडियो बनाने के कारण तृणमूल समर्थकों पर संजय दास नामक स्थानीय पत्रकार से मारपीट करने का आरोप लगा है। संजय ने बताया कि बुधवार की दोपहर दिलीप घोष जब अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करने के लिए दांतन के साहानिया गांव जा रहे थे तभी वह भी उनके साथ-साथ रिपोर्टिंग करने के लिए जा रहे थे। लेकिन दिलीप घोष का काफिला जैसे ही मनोहरपुर बाजार इलाके में पहुंचा तो वहां चल रही दुआरे सरकार योजना के कैंप में मौजूद तृणमूल समर्थकों ने दिलीप घोष की गाड़ी को रोक लिया और फिर उन्हें आगे जाने ने बाधा डालने लगे। हंगामा बढ़ता देख उनकी सुरक्षा में लगे केंद्रीय वाहिनी ने दिलीप घोष को बचाकर वहां से वापस निकल गए। इधर इन सभी घटना का वीडियो बनाते वक्त तृणमूल समर्थकों ने पत्रकार को देख लिया। फिर क्या था उन्होंने संजय की पिटाई शुरू कर दी व उसके पास मौजूद दो मोबाइल फोन जब्त कर लिए। संजय ने बताया कि काफी मार पिटाई के बाद उसे घंटों वहां बिठा कर रखा गया और बाद में मोबाइल से वीडियो डिलीट करने के बाद उसे वहां से जाने दिया गया। बाद में वहां से निकलकर बेल्दा ग्रामीण अस्पताल में संजय ने अपना इलाज करवाया और फिर सारी बातें बताई।
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