✍रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल में 35 साल पहले किए गए मार्मिक हत्या मामले में मेदिनीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट के थर्ड कोर्ट ने 16 में से 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि 7 आरोपियों की केस चलने के दौरान ही मौत हो गई कुल 26 लोगों ने गवाही दी है। सजा पाने वाले आरोपियों के नाम शेख. महबूब, शेख. इलियास, शेख आई सेन, शेख. जलाल, शेख. अलाउद्दीन, शेख. जयनुद्दीन, आवेद अली, रमजान अली, कुर्बान अली शामिल है। पता चला है कि साल 1986 में घाटाल थाना इलाके के रघुनाथपुर गांव में दो परिवारों के बीच हुए झगड़े में हिंसा मारपीट की घटना हुई। जिसमें एक परिवार के शख्स की बेरहमी से पिटाई के बाद उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां बाद में उसकी मौत हो गई। लेकिन घटना के विरोध में उक्त परिवार के लोगों ने भीड़ के साथ नूर इस्लाम का पीछे किया नुर इस्लाम नामक शख्स गुस्साई भीड़ देख अपने दो भाइयों के साथ वहां से भागने की कोशिश कि नूर पंचू दोलुई के घर छिपने की कोशिश की उसके दोनों भाई तो भागने में कामयाब रहे लेकिन नुर इस्लाम को किसी तरह भीड़ ने पकड़ लिया व फिर निर्मम हत्या का खेल शुरु हुआ।
भीड़ ने तलवार से उसके दोनों हांथ पैर काट दिए व उसकी आंखों की पुतलियां बाहर निकाल दी। फिर बाद में उसके शव को केले के पेड़ से बांधकर नहर में बहा दिया। अगले दिन शव बहता हुआ एक किलोमीटर दूर नहर किनारे ठहर गया। इन आरोपियों ने दोबारा वहां जाकर अबकी बार सिर को धड़ से अलग कर दिया व फिर शव को नदी के बााढ़ से आए पानी में बहा दिया। बाद में सात दिन बाद वहां से 12 किलोमीटर दूर इलाचक इलाके से पुलिस ने शव को बरामद किया।
बाद में घाटाल थाना पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया व फिर साल 1990 में केस मेदिनीपुर जज कोर्ट में आया वहां सुनवाई लंबी चली। बाद में केस फास्ट ट्रेैक कोर्ट में आया जहां जज उत्तम भट्टाचार्य ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।वादी पक्ष के वकील एपीपी रजब अली ने कहा कि जज के बदलने व बचाव पक्ष के वकील के हथकंडों के कारण न्याय पाने में वक्त लगा वकील शेेख अजीजुल हक ने बताया कि नूर के चार बेटे व पत्नी जतन बीबी है। ज्ञात हो कि मृृतक नूूर का एक बेेेेटा विलेज पुुलिस है।
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