खड़गपुर। चांदमारी में कोविड रोगियों के लिए बने सेफ होम के कचरा रखरखाव के लिए बनेगा बायो गार्ड ताकि सेफ होम का कचरा उसी में रखा जा सके। बायो गार्ड के अभाव में अस्पताल परिसर में कचरा बिखरने से संक्रमण बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है जबकि अस्पताल के मॉर्ग के समीप कचरा फेंके जाने के विरोध में अस्पताल के बायो मेडिकल कचड़ा उठाने वाले कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है व कचड़ा नहीं उठा रहे हैं जिससे स्थित विकट हो गई है। खड़गपुर महकमा अस्पताल अधीक्षक कृष्णेंदु मुखर्जी ने बताया कि कोविड रोगियों के लिए बने सेफ होम के कचड़ा के रखरखाव के लिए बायो गार्ड सेफ होम के समीप बनेगा ताकि कचड़े का डिस्पोजल उचित तरीके से हो सके। ज्ञात हो कि फिलहाल सेफ होम के पीपीई किट, ग्लोव्स सहित अन्य कचड़ा मार्ग के पास अस्पातल के जनरल वार्ड के लिए बने डस्टबीन के पास फेका जा रहा है जानवरों के बिखेर देने व हवा के कारण कचड़ा इधर उधर बिखर जा रहा है जिससे अस्पताल में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है इधर अस्पताल के बायो मेडिकल कचड़ा के रुम से कचड़ा बीते सप्ताह भर से नहीं निकाला जा रहा है क्योंकि सेफ होम का कचड़ा भी उसी जगह पर फेंका जा रहा है।
अस्पताल के कर्मियों का कहना है कि बीते कई माह से डस्टबीन की सफाई भी नहीं हुई है जिससे गंदगी का अंबार लगा हुआ है मॉर्ग होने के कारण यहां लोगों का आना जाना लगा रहता है। अस्पातल के सहायक सुपरिटेंडेंट व सेफ होम प्रभारी श्रीमति सोनाली आलू का कहना है कि एक दिन के अंतराल में सेफ होम के कचड़ा को डिस्पोजल के लिए ले जाना चाहिए। इधर 50 बेड वाली सेफ होम शुरु हुए दस दिन बीत जाने के बावजूद कचड़ा एक दिन भी नहीं उठाए जाने से अस्पातल के कर्मी भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वार्ड पूर्व पार्षद रबिशंकर पांडे का कहना है कि अस्पताल के डस्टबीन का समय से सफाई का काम नगरपालिका का ही है वे इस मुद्दो पर नगरपालिका बोर्ड आफ एडमिनिस्ट्रेटर प्रदीप सरकार से बात करेंगे।
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