खड़गपुर। वेतन के लिए विरोध प्रदर्शन करना पड़ा कोरोना अस्पताल के 25 कर्मचारियों को एक ओर जहां कोरोना चिकित्सा के साथ जुड़े लोगों को कोरोना योद्धा बता सम्मान दिया जा रहा है वहीं जिले के ग्लोकल अस्पताल के 25 कर्मचारियों को आज वेतन के लिए काम रोक विरोध प्रदर्शन करना पड़ा हांलाकि प्रशासन के हस्तक्षेप से कामकाज दोबारा शुरु हुआ। ज्ञात हो कि मेदिनीपुर के निजी ग्लोकल अस्पताल को जिला प्रशासन ने लेवल-2 कोरोना अस्पताल बनाया था जहां के 25 कर्मचारी काम कर रहे हैं राज्य सरकार की ओर से 15 डाक्टर व नर्स भी नियुक्त किया गया है। सरकारी डाक्टर व नर्स का वेतन समय पर आ गया पर अस्पताल के 25 कर्मियों का वेतन तीन सप्ताह गुजर जाने के बावजूद नहीं आने से परेशान हो अस्पताल के सामने विरोध पर बैठ गए। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सरकार से पैसे मिलने पर कर्मचारियों को तनख्वाह दिया जाएगा। इधर मेदिनीपुर जिला अस्पताल से कोरोना टेस्ट के रिपोर्ट देर से आने से परेशान है बाहर से आए श्रमिक व परिजन। ज्ञात हो कि बीते लगभग दो सप्ताह से खड़गपुर महकमा अस्पताल में कोरोना टेस्ट के लिए लिए गए लारवा मेदिनीपुर भेजा जा रहा है शुरुआती कुछ दिनों तक दो दिनों में रिपोर्ट आ रही थी पर बीते दिनों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के शुरु होने के बाद टेस्टिंग की संख्या बढ़ जाने से सप्ताह लग जा रहे हैं
कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने में हो रही देरी से लोग परेशान
श्रमिकों के बीच कोरोना पाए जाने से चिंतित है श्रमिक व उसके परिजन। लारवा लेकर श्रमिकों को होम क्वारेंटाईन में भेज दिया गया है लेकिन कई लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं। इधर जिले में अब तक दर्जन भर कोरोना पाजिटिव मामले श्रमिकों से संबंधित है। खड़गपुर महकमा अस्पताल के अधीक्षक कृष्णेंदु मुखर्जी ने स्वीकारा कि ट्रेनों से खड़गपु व हिजली आए जिले के 90 फीसदी यात्रियों का टेस्ट किया जा रहा है व मेदिनीपुर अस्पातल में क्षमता से अधिक टेस्ट जाने से रिपोर्ट आने में सप्ताह भर देरी हो रही है। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा, पुरुलिया सहित कुल 7 जिला अस्पतालों में कोरोना टेस्ट की सुविधा मुहैया कराई है।
Leave a Reply