कांथी व महिषादल में कोरोना पाजिटिव पाए जाने से जिले में की स्थिति और बिगड़ी, छोटे की जगह बड़े भाई का कर दिया गया इलाज

खड़गपुर। पूर्व मेदिनीपुर के कांथी व हल्दिया महकमा के महिषादल थाना इलाके के दक्षिण पूर्व श्रीरामपुर गांव में एक व्यक्ति कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने से जिला प्रशासन चिंतित है।पता चला है कि महिषादल घटना  पीड़ित व्यक्ति कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट इलाके में एक मिठाई की दुकान पर काम करता था। लॉकडाउन के कारण बीते डेढ़ महीने से कोलकाता में ही फंसा हुआ था व वापस गांव लौटने की कोशिश में लगा हुआ था जहां उसे बीते दिनों कामयाबी मिली वह एक पोल्ट्री फार्म कि गाड़ी में सवार होकर सीधे अपने गांव आ पहुंचा। स्थानीय लोगों ने उसे गांव में देख उसका विरोध किया जिसके बाद स्वास्थ्य दफ्तर की ओर से व्यक्ति को होम क्वॉरेंटाइन में रहने की सलाह दी गई बाद में जांच रिपोर्ट आई जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया फिर प्रशासन की ओर से उसे घर से बरामद कर पांशकुड़ा के बोड़ोमा अस्पताल में भेज दिया गया। वहीं दूसरी ओर कांथी नयापुट ग्राम पंचायत के बलीयारपुर गांव के रहने वाले एक 50 वर्षीय पुरोहित में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया। पता चला है कि पुरोहित अपने परिवार को लेकर कांथी शहर में एक किराए के घर में रहते थे लेकिन लॉकडाउन  के कारण पूजा पाठ का काम बंद होने से वे अपने परिवार को लेकर वापस गांव चले आए जहां तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 11 मई को कांथी महकमा अस्पताल में भर्ती कराया गया वहां से 13 मई को उन्हें कोलकाता आमरी अस्पताल में भेज दिया गया जहां वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए। पूर्व मेदिनीपुर जिला के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी निताईचंद्र मंडल ने बताया कि महिषादल व कांथी के दो पीड़ितों के सदस्यों को चंडीपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है व पूरे इलाके को सेनीटाइज किया जा रहा है।

छोटे की जगह बड़े भाई का कर दिया गया इलाज 
आखिरकार अपनी भूल सुधारते हुए झाड़ग्राम जिला स्वास्थय़ विभाग शुक्रवार की रात असली संक्रमित व्यक्ति को कोरोना अस्पताल में भर्ती कराया। ज्ञात हो कि इससे पहले पुलिस ने गलती से 18 वर्षीय युवक जोकि असली कोरोना पीड़ित का छोटा भाई है उसे उसके घर से बरामद कर पांशकुड़ा के मेछोग्राम के बोडो़मा अस्पताल में भर्ती करा दिया था जहां वह पांच दिनों तक कोरोना रोगियों के साथ रहा। उसने बताया कि वह कोरोना मरीजों का ही बाथरूम व्यवहार करता था लेकिन जब उसे पता चला कि वह कोरोना पीड़ित नही बल्कि उसका भाई कोरोना वायरस पीड़ित है तब से उसने दवाईयां लेनी बंद कर दी। अस्पताल प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई कि शुक्रवार को कि गई जांच में वह युवक में कोरोना के वायरस नही पाया गया लेकिन 5 दिनों तक कोरोना मरीजों के साथ रहने के कारण उसका एक बार फिर जांच किया जाएगा। पता चला है कि उडी़सा के संबलपुर में सोना कारीगर के रूप में कार्यरत युवक से मिलने से लिए उसका भाई गया था जहां से बाद में दोनों गांव वापस आ गए। गांव वालों के विरोध के बाद दोनों की झाड़ग्राम सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कराए गए जांच रिपोर्ट में एक भाई कोरोना पाजिटिव पाया गया जबकि दूसरा निगेटिव लेकिन कुछ गलतफहमी के कारण गलती से निगेटिव वाले भाई को कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया था।

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