कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है-- कुछ इनहीं भावों के साथ खड़गपुर कारखाना में हिन्दी...
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है-- कुछ इनहीं भावों के साथ खड़गपुर कारखाना में हिन्दी...
मैं रेलगाड़ी हूं ...!! तारकेश कुमार ओझा ------------- बीमार हो या बेरोजगार , सब को मंजिल तक पहुंचाती हूं ,...
कोरोना काल से बंद पड़ी जंगल महल की दो महत्वपूर्ण ट्रेनों के अभी तक चालू नहीं होने की विडंबना पर...
खड़गपुर,भाषा एवं बोली मात्र कुछ शब्दों का संग्रह नहीं है यह हमारी प्राण ऊर्जा है, हमारे व्यक्तित्व की पहचान है,...
मनीषा झा खड़गपुर, हिंदी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा होने के बावजूद हिंदी को अपने देश में ही सौतेले...
मनीषा झा खड़गपुर, आजादी का बिगुल बजाने वाली कालजयी कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त को इलाहाबाद में...
कोरोना और लॉकडाउन के पश्चात परिस्थितियां कुछ यूं बनती जा रही है कि आदमी अपनी मूल स्वाभाविक प्रकृति के विपरीत...
मनीषा झा, खड़गपुरः- लिट्टी चोखा बिहार, झारखंड व पूर्व उत्तर प्रदेश का प्रमुख भोजन है। यह भोजन ठंड के मौसम...
गणतंत्र: शर्मनाक उपहास ! जहाँ सदा तिरंगा लहराता था; बलिदानी कथा सुनाता था। जिसे देखकर वीरव्रती का ; खून उबलता जाता...
खड़गपुर। खड़गपुर में कोरोनाकाल के घटते प्रभाव के बीच कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। खुशनुमा माहौल से ओतप्रोत टाउनहाल में...