Home Politics खरीदा टीएमसी पार्टी कार्यालय के समक्ष पुराने कार्यकर्ताओं के समर्थन में लगाए गए होर्डिंग फांड़े गए मुनमुन समर्थकों का आरोप प्रदीप के इशारे पर पुलिस ने उतारे होर्डिंग, प्रदीप ने होर्डिंग फाड़े जाने पर खुद का हाथ होने से इंकार करते हुए भाजपा की ओर किया इशारा

खरीदा टीएमसी पार्टी कार्यालय के समक्ष पुराने कार्यकर्ताओं के समर्थन में लगाए गए होर्डिंग फांड़े गए मुनमुन समर्थकों का आरोप प्रदीप के इशारे पर पुलिस ने उतारे होर्डिंग, प्रदीप ने होर्डिंग फाड़े जाने पर खुद का हाथ होने से इंकार करते हुए भाजपा की ओर किया इशारा

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खड़गपुर। खड़गपुर शहर के वार्ड संख्या 17 के खरीदा इलाके में तृणमूल पार्टी ऑफिस के समक्ष आज सुबह लगाए गए होर्डिंग को 12 घंटो के भीतर ही फाड़ कर निकाल लिया गया। इस मामले में वार्ड 17 के काउंसिलर देवाशीष चौधरी उर्फ मुनमुन के समर्थकों का कहना है कि होर्डिंग निकलवाने के पीछे खड़गपुर पुलिस का ही हाथ है जो कि प्रदीप के इशारे पर किया गया है। दरअसल लगाए गए होर्डिंग में टीएमसी मे पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा व चालाक लोगों को पुरस्कृत  संबंधित बात साहित्यिक अंदाज में लिखी गई थी जिससे टीएमसी के भीतर की गुटबाजी स्पष्ट झलक रही थी। असल में देवाशीष चौधरी समर्थक इस बात से नाराज है कि मुनमुन की वरिष्ठता की लगातार उपेक्षा कर पार्टी में एक के बाद एक राजनीति में आए नए नेता को पद दे दिया जा रहा था ज्ञात हो कि बीते दिनों हुए फेरबदल में खड़गपुर के विधायक प्रदीप सरकार एक ही समय में 4 विधासभा क्षेत्र का संयोजक बनाया गया है।

देवाशीष चौधरी के समर्थकों के मुताबिक इन सब बातों को लेकर होर्डिंग लगाया गया था जिससे खड़गपुर की जनता सच्चाई से अवगत हो सके। लेकिन लोगों के होर्डिंग से परेशान लोगों ने पुलिस की मदद से वहां से निकलवा दिया। इस मामले में प्रदीप सरकार का कहना है कि उन्हें नहीं लगता है कि तृणमूल पार्टी में कोई गुटबाजी है उनके मुताबिक यह काम भाजपा का हो सकता है जो पार्टी को बदनाम करने की कोशिश में लगी है। इधर वरीय पुलिस अधिकारियों ने पोस्टर फाड़े जाने की घटना पर अनभिज्ञता जाहिर की है। पता चला है कि मुनमुन समर्थक की ओर से और भी  होर्डिंग, पोस्टर तैयार किए गए हैं जिसे शहर के अन्य हिस्सों में ही लगाना था लेकिन आज रात लगभग सात बजे  होर्डिंग निकाल दिए जाने के बाद मामले में नया मोड़ आ गया है। इधर  होर्डिंग लगाए जाने पर मुनमुन ने कहा कि पुराने कार्यकर्ताओं ने उपेक्षित हो भावावेश में आ पोस्टर लगाए हैं व वे पुराने कार्यकर्ताओं की भावना का कद्र करते हैं। इधर पोस्टर वार के बाद देबाशीष के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई है।

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