सर्दियों में खड़गपुर शहर और गर्मियों में ग्रामीण इलाकों में काले कार्बन और सिलिकॉन धूल के साथ काला पाउडर कारखानों से लेकर घरों और शरीरों में प्रवेश कर रहा है। तालाबों में पानी भर जाने से भी फसलों को नुकसान हो रहा है। इस हानिकारक प्रदूषण के खिलाफ खड़गपुर औद्योगिक प्रदूषण निवारण समिति लगातार अभियान चला रही है। इसकी शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत विभिन्न राज्य व जिला स्तर पर की गयी है. जन प्रतिनिधियों को इस प्रदूषण के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाता है। लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ. इस साल फिर से खड़गपुर के 12 वार्डों के लोग इस प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं. खड़गपुर औद्योगिक प्रदूषण निवारण समिति ने आज विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, साहित्यकारों, कवियों, प्रोफेसरों, कलाकारों, विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ मार्च निकाला और कंपनी और प्रशासन से इस प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय करने की मांग की। आज इस पदयात्रा में तालबागीच भगत सिंह समिति, खड़गपुर मानवाधिकार, झपेटापुर प्रगति, खड़गपुर नागरिक समाज, खरिदार जतिन मित्र समिति उपस्थित थे।
प्रदूषण निवारण समिति के सदस्य लेखक सुनील माजी ने कहा– कंपनी अपना मुनाफा लूट ले, लेकिन खड़गपुर के लोग स्वस्थ रहें। प्रोफेसर तपन कुमार पाल ने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए इस प्रदूषण की रोकथाम अब जरूरी है। प्रदूषण समिति के सचिव अनिल दास ने कहा कि आने वाले दिनों में स्वयंसेवी संस्थाएं सामूहिक हस्ताक्षर कर राज्य और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देंगी. आने वाले दिनों में इस प्रदूषण से प्रभावित लोगों को लेकर फैक्ट्री के गेट के बाहर धरने में बैठेगी।
ज्ञात हो कि इससे पहले प्रदूषण के खिलाफ ” शिल्प दूषण प्रतिरोध समिति ” के पदाधिकारी अतिरिक्त जिला अधिकारी व जिला भूमि व भूमि राजस्व अधिकारी को ज्ञापन देकर उनका ध्यान प्रदूषण की जानलेवा समस्या की ओर आकर्षित कर चुके हैं ।
খড়গপুরে শিল্প দূষনের বন্ধের দাবিতে খরিদা থেকে মালঞ্চা পদযাত্রা সংগঠিত করল খড়গপুর শিল্প দূষণ প্রতিরোধ কমিটি। খড়গপুর শহরের উত্তর প্রান্তে ৬নং জাতীয় সড়কের ধারে রেশমী গ্ৰুপ সহ লৌহ ইস্পাত কারখানার বেশ কিন্তু কারখানা অবস্থিত। কারখানা গুলি থেকে শীতের সময় খড়গপুর শহরের দিকে এবং গরমের সময়ে গ্ৰামীণের দিকে কালো কার্বন ও সিলিকন ধুলা সহ কালো গুড়ো বাড়িতে, শরীরে প্রবেশ করছে। এমনকি পুকুর জলাশয়ের জল, চাষেরেও ক্ষতি হচ্ছে। এই ক্ষতিকর দূষণের বিরুদ্ধে লাগাতার আন্দোলন করে যাচ্ছে খড়গপুর শিল্প দূষণ প্রতিরোধ কমিটি।
গমকনভেনশন,সই সংগ্ৰহ, ডেপুটেশন, কারখানার গেটের সামনে বিক্ষোভ করা হয়েছে। দূষণ নিয়ন্ত্রণ পর্ষদ সহ রাজ্য ও জেলার বিভিন্ন স্তরে অভিযোগ করা হয়েছে। জনপ্রতিনিধিদের এই দূষণের ক্ষতিকারক বিষয়ে অবগত করা হয়েছে। কিন্তু আজ পর্যন্ত কোনো সুরাহা হয়নি। পুনরায় এই বছর আবার খড়গপুরের ১২টি ওয়ার্ডের মানুষ এই দূষণে আক্রান্ত হচ্ছে।
এই দূষণ রোধে কোম্পানি ও প্রশাসনকে ব্যবস্থা গ্ৰহণের দাবিতে আজ বিভিন্ন স্বেচ্ছাসেবী সংগঠন, সাহিত্যিক, কবি, অধ্যাপক, শিল্পী, সহ সমাজের বিভিন্ন স্তরের মানুষকে নিয়ে পদযাত্রা করল খড়গপুর শিল্প দূষণ প্রতিরোধ কমিটি। আজকের এই পদযাত্রায় উপস্থিত ছিল–তালবাগিচার ভগৎ সিং কমিটি, খড়গপুরের হিউম্যান রাইটস, ঝাপেটাপুরের প্রগতি, খড়গপুর নাগরিক সমাজ, খরিদার যতীন মিত্র কমিটি। দূষণ প্রতিরোধ কমিটির সদস্য সাহিত্যিক সুণীল মাজি বলেন– কোম্পানি তার মুনাফা লুটুক, কিন্তু খড়গপুরবাসীকে সুস্থভাবে বাঁচাতে দিক। অধ্যাপক তপন কুমার পাল বলেন আগামী প্রজন্মের জন্য এই দূষণ প্রতিরোধ এখুনি দরকার। দূষণ কমিটির সম্পাদক অনিল দাস বলেন আগামী দিনে স্বেচ্ছা সেবী সংগঠন গুলি গণ স্বাক্ষর করে রাজ্য ও কেন্দ্রীয় দূষণ নিয়ন্ত্রণ পর্ষদকে দেবে। আগামী দিনে এই দূষণের ফলে আক্রান্ত মানুষদের নিয়ে গিয়ে কারখানার গেটের বাইরে অবস্থানে বসে রেশমীর কাছে আবেদন করা হবে এদের বাঁচতে দিন।
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