खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिले में कोरोना के इलाज से जुड़े डाक्टर, नर्स व स्वास्थ्यकर्मी डरे हुए हैं उनके डर का कारण है कि उनके पास कोरोना के इलाज के दौरान उनके निजी बचाव हेतु उनके पास पर्याप्त इक्विपमेंट नहीं है। मुख्यमंत्री ने घोषणा किया कि उन्होने लाखों उपकरण बांटे हैं लेकिन यहां कुछ भी नही पहुंचा जिसका कोलकाता समेत कई अन्य जगह के डाक्टर व नर्स विरोध कर रहे है। उकत बातें सोमवार को मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से मुलाकात के दौरान मेदिनीपुर के सांसद व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने कही।
मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य व केंद्र सरकार कोरोना वायरस से निबटने के लिए कई व्यवस्थाएं किए हैं लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री केवल पैसों की बात कर रही है। वायरस से राज्य में कितने लोग मरे हैं वह कितने लोग पीड़ित हैं इस संख्या को लेकर राज्य के लोगों को अंधकार में रख रही है। अस्पतालों में आदेश दिया जा रहा है कि के वायरस से मौत होने पर भी निमोनिया से मौत हुई लिखने को कह रहे हैं। इस तरह सच्चाई छिपाकर मुख्यमंत्री राज्य के लोगों में आतंक और भी बढ़ा रही हैा उन्होने सरकार से निवेदन किया कि लोगों को सच जानने दिया जाए। उन्होने बताया कि केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने कोरोना से मरने वालों के परिवारों को मुआवजे देने का ऐलान किया है ऐसे में बंगाल सरकार जब मानेगी ही नही की कोरोना से मृत्यु हुई है तो उनके परिवारों को मुआवजा कैसे मिलेगा। केंद्र की तरफ से 1700 करोड़ कि मदद राशि आई है लेकिन यह बात स्वीकार नहीं किया जा रहा है यह पैसे कहां जा रहा है किसी को पता नहीं। इसके अलावा दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि जब उन्होने जिलाशासक से मिलना चाहा तो जिलाशासक ने मिलने से मना कर दिया। दिलीप अपने साथ 100 पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट लेकर लाए थे जिसे उन्होनें प्रिंसिपल के हाथों में सौंप दिया।दिलीप भाजपा के 40वें स्थापना दिवस के अवसर पर जिला पार्टी कार्यालय में झंडात्तोलन किया। दिलीप शाम में खड़गपुर पहुंचे व इंदा तथा देबलपुर में लोगों को राहत सामग्री बांट कोलकाता के लिए रवाना हो गए इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राशन कम मिलने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।
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