*3 नवम्बर 2024 – खड़गपुर, पश्चिम बंगाल:* *पश्चिम बंगाल तेलुगु जाति ऐक्यता वेदिका (PBTJAV)* द्वारा श्री पोट्टी श्रीरामुलु की जयंती पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में तेलुगु समुदाय के 3,000 से अधिक लोग और तेलुगु प्रेमी एकत्रित हुए। इस अवसर पर श्रीरामुलु के अद्वितीय साहस, त्याग और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
श्री पोट्टी श्रीरामुलु भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। उन्होंने दलितों के उत्थान और सामाजिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित किया और 1952 में 56 दिनों की भूख हड़ताल कर तेलुगु भाषी लोगों के लिए अलग राज्य की मांग की। उनके बलिदान ने पूरे देश में आंदोलन को जन्म दिया, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आंध्र प्रदेश के गठन की घोषणा की।
इस विशेष अवसर पर कई प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित थे, जिनमें खड़गपुर नगर पालिका की अध्यक्ष श्रीमती कल्याणी घोष, श्री सुरेश कुमार IAS (निदेशक, DVC), श्री पी वी एस संथा राम, डिप्टी मजिस्ट्रेट श्री ए पुरोहित, खड़गपुर के पूर्व विधायक श्री प्रदीप सरकार, छत्तीसगढ़ तेलुगु महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्री जी स्वामी, और कई गणमान्य अतिथि शामिल थे. इस अवसर पर इनाडु के वरिष्ठ पत्रकार बी एन शास्त्री सहित अन्य को सम्मानित किया गया
कार्यक्रम का संचालन श्री येन्नी शंकर राव, श्री बी श्रीनिवास रेड्डी और श्रीमती माधवी द्वारा किया गया। इस अवसर पर कई तेलुगु संगठनों ने भी हिस्सा लिया, जिनमें से प्रमुख थे श्री के कोण्डल राव (अध्यक्ष, पीएनके परिषद, खड़गपुर), श्री मोहन रेड्डी (महाकवि गुरजाड़ा तेलुगु विद्यालय, प्रधानाध्यापक) और श्री बालमुरली (आंध्र विद्यालय, टीटागढ़)।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन श्री बी प्रभाकर (अध्यक्ष, PBTJAV), श्री उदय कुमार (सलाहकार, PBTJAV) और श्री एन चंद्रशेखर राव (अध्यक्ष, PBTJAV) द्वारा किया गया। श्री आर किशोर (सचिव, PBTJAV) ने बताया कि इस मंच का मुख्य उद्देश्य पश्चिम बंगाल में बसे तेलुगु और अन्य सामाजिक रूप से वंचित समुदायों की सहायता करना है। अध्यक्ष श्री एन सी एस राव ने कहा कि उनके पास कई कार्यसूचियां हैं जो चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएंगी और आवश्यकता पड़ने पर उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से भी संपर्क किया जाएगा।
श्री पोट्टी श्रीरामुलु की इस महान धरोहर से प्रेरित होकर सभी प्रतिभागियों ने सामाजिक न्याय, एकता और समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।