बालाजी मंदिर पल्ली उन्नयन समिति में प्रतिवाद के साथ होगी मां की आराधना, 6 को होगा उद्घाटन 15 तक चलेगा कार्यक्रम, चेयरपर्सन कल्याणी नाराज
खड़गपुर, बालाजी मंदिर पल्ली उन्नयन समिति इस साल 75वां वर्ष मना रही है पूजा कमेटि इस दौरान कई कार्यक्रम का आयोजन किया है लेकिन आरजी कर की घटना के बाद प्रतिवाद के साथ मां की आराधना करने का निर्णय लिया गया है। समिति के सचिव समीर गांगुली ने बताया कि अभया कांड के बाद वे लोग पंडाल में काले कपड़े लगा प्रतिवाद करने का निर्णय लिया है।
समीर का कहना है कि चूंकि इस साल समिति 75वें साल का पूजा आयोजन कर रही है इसलिए अभया कांड के काफी पहले ही कई कार्यक्रम का एडवांस हो चुका था इसलिए इसे टाला नहीं जा सका। उन्होने बताया कि पूजा मंडप को होगा उद्घाटन 6 अक्टूबर को होगा व सांस्कृतिक कार्य़क्रम 15 तक चलेगा। इस अवसर पर समाजसेवी दीपक दासगुप्ता ने बताया कि छऊ नृत्य व विसर्जन के समय बाजा प्रमुख आकर्षण होगा। दीपक दास गुप्ता ने भी अभया कांड पर गहती चिंता जताते हुए उसे मरणोपरांत भारतरत्न व बंगरत्न देने की मांग की।
कमेटि के काले कपड़े के फैसले से नाराज है चेयरपर्सन कल्याणी घोष। कल्याणी घोष का कहना है कि वह क्लब का अध्यक्ष है व उसके जानकारी के बिना फैसला लिया गया।
বালাজি মন্দির পল্লী উন্নয়ন সমিতিতে প্রতিবাদের সঙ্গে দেবী পূজা হবে, উদ্বোধন হবে 6 তারিখ, কর্মসূচি চলবে 15 তারিখ পর্যন্ত, ক্ষুব্ধ চেয়ারপারসন কল্যাণী
খড়্গপুর, বালাজি মন্দির পল্লী উন্নয়ন সমিতি এই বছর 75 তম বছর উদযাপন করছে, এই সময়ে পূজা কমিটি অনেক অনুষ্ঠানের আয়োজন করেছে, তবে আরজি করের ঘটনার পর প্রতিবাদ করে মায়ের পূজা করার সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে। কমিটির সচিব সমীর গাঙ্গুলী জানান, অভয়ার ঘটনার পর তারা pandal e কালো পোশাক diye প্রতিবাদ করার সিদ্ধান্ত নিয়েছেন।
সমীর বলেন, যেহেতু এ বছর কমিটি ৭৫তম বর্ষপূজার আয়োজন করছে, অভয়ার ঘটনার অনেক আগে থেকেই অনেক কর্মসূচি ছিল, তাই পিছিয়ে দেওয়া যায়নি। তিনি জানান, ৬ অক্টোবর পূজা মণ্ডপ উদ্বোধন হবে এবং সাংস্কৃতিক অনুষ্ঠান চলবে ১৫ তারিখ পর্যন্ত। এ উপলক্ষে সমাজসেবক দীপক দাশগুপ্ত জানান, ছৌ নৃত্য ও বিসর্জনের সময় বাদ্যযন্ত্রটিই থাকবে প্রধান আকর্ষণ। দীপক দাস গুপ্তও অভয়ার ঘটনায় গভীর উদ্বেগ প্রকাশ করেছেন এবং তাকে মরণোত্তর ভারতরত্ন এবং বঙ্গরত্ন দেওয়ার দাবি জানিয়েছেন।
কমিটির কালো পোশাক পরার সিদ্ধান্তে ক্ষুব্ধ চেয়ারপারসন কল্যাণী ঘোষ। কল্যাণী ঘোষ বলেছেন যে তিনি ক্লাবের সভাপতি এবং তাঁর অজান্তেই এই সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে।