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कुवैत में मारे गए द्वारकेश पट्टनायक को श्रद्धांजली दी अग्निमित्रा व जून ने, ओल्ड एज पेंशन लेने गई आरामबाटी की महिला की सड़क दुर्घटना में मौत 

 

कुवैत अग्निकांड में मारे गए द्वारकेश पट्टनायक के परिजन से मिले अग्निमित्रा पाल  व जून। जून ने द्वारकेश के पार्थिव शरीर में माल्यापण कर श्रद्धांजली दी जबकि अग्निमित्रा पाल द्वारकेश के मेदिनीपुर स्थित घर में परिजन से मिले.

 

 मीडिया से बात करते हुए घटना पर संवेदना प्रकट की व राज्य सरकार को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि द्वारकेश की 14 वर्षीय बेटी है लोगों को अपने परिवार छोड़ बाहर जाना पड़ रहा है

बंगाल के लोगों को बाहरी राज्य यहां तक कि rfबिहार में काम करने जाना पड़ रहा है जो कि दुखद है उन्होने कहा कि राज्य में काम ना होने के कारण लोग बाहर जाने को बाध्य है। ज्ञात हो कि द्वारकेश मूलतः दांतन के खंडरुई के रहने वाले थे। कुवैत में एक निजी कंपनी में सुपरवाइजर का काम करते थे ज्ञात हो कि उक्त घटना में लगभग 42 भारतीय की मौत हो गई थी। 

 

माइग्रेंट लेबर को लेकर विदेश मंत्रालय को संवेदनशील होने की जरुरतः  जून

नवनिर्वाचित सांसद जून ने कहा कि दीदी के प्रतिनिधि के रुप में यहां श्रद्धांजली देने आई है। जून ने कहा कि जो कंपनियां यहां के लोगों को ले जाती है कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखती जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ। उन्होने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय को माइग्रेंट लेबर के अधिकारों  के प्रति सजग होना चाहिए। वह शोक संतप्त परिवार के साथ है।    

 

 

ओल्ड एज पेंशन लेने गई आरामबाटी की महिला की सड़क दुर्घटना में मौत 

खड़गपुर, ओल्ड एज पेंशन लेने गई आरामबाटी की महिला की सड़क दुर्घटना में मौत होने की खबर है जानकारी के अनुसार खड़गपुर नगरपालिका के वार्ड संख्या 32 आरामबाटी की रहने वाली महिला लीला पटेल शुक्रवार को अपने घर से अकेले खरीदा इलाके स्थित बैंक आई थी पर देर शाम तक घर वापस ना आने पर परिजन परेशान हो गए व पुलिस को मौखिक सूचना दी गई बाद में पता चला कि महिला पांचरुलिया के पास दुर्घटना की शिकार हो गई व उसे चांदमारी में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई।

 

 

स्थानीय सूत्रों के अनुसार मृतक लीला पटेल अपने परिजन शुकनाथ शंडे के घर रहती थी लीला अविवाहित थी। हर महीने की तरह कल भी वह ओल्ड एज पेंशन लेने निकली थी जिसके बाद उक्त हादसा हुआ। खड़गपुर शहर थाना पुलिस शव को बरामद कर अंत्यपरीक्षण करा परिजन को सौंप दिया. लीला पांचरुलिया कैसे चली गई यह लोगों को समझ नहीं आ रहा है। 

 

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