हमारी शिक्षा पद्धति श्रेष्ठ, विदेश का मोह त्यागे, स्ट्रेस फ्री रहेः पद्म श्री से सम्मानित जी. नरसिम्हा राव, ओल्ड सेटलमेंट बालाजी मंदिर में दो दिनो तक मंत्रमुग्ध रहे हजारों श्रोता, महिलाओं ने किया सहस्त्रनाम पाठ  

 

खड़गपुर, आईआईटी खड़गपुर के नेताजी आडिटोरियम में विद्यार्थियों को स्ट्रेस फ्री रहने के गुर बताते हुए पदमश्री विभूषण से विभूषित जी नरसिम्हा राव ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली श्रेष्ठ है इसलिए विद्यार्थी यह ना सोचे कि विदेश में गए बिना उनका कैरियर संवर नहीं सकता। उन्होने कहा कि हमें हमारी सभ्यता व संस्कृति पर गर्व करना चाहिए।

कैरियर को लेकर विद्यार्थियों में बढ़ते तनाव को लेकर उन्होने  कहा कि अगर आप एक ग्लास में जल लेकर खड़ा होते हैं तो कुछ देर बाद आप में यह भय समाने लगेगा कि कहीं पानी गिर ना जाए जबकि पानी की मात्रा उतनी ही है जितना लेकर आप शुरु में खड़े हुए थे।

 

दरअसल जैसे जैसे पानी को लेकर आप सोचते हैं कहीं यह गिर ना जाए आप में भय समाने लगता है ठीक पढ़ाई को लेकर भी वही है आपकी तनाव का मुख्य कारण आपमें भयग्रस्त सोच का है इसलिए इसे निकाले और लक्ष्य की ओर भयमुक्त होकर बढ़ें। ज्ञात हो कि राव ने आईआईटी के विद्यार्थियों के साथ संवाद कायम करते हुए उक्त बातें कही। 

 

बालाजी मंदिर में पौराणिक गाथाओं को लेकर लोगों को सिखाए जीने का गुर 

तेलुगु कम्युनिटी की ओर से ओल्ड सेटलमेंट बालाजी मंदिर में आयोजित दो दिनो दिवसीय पौराणिक व डिवोशनल स्पीच को हजारों तेलुगु भाषियों ने भाव विभोर हो सुने। मुरलीधऱ ने कहा कि भविष्य में स्पीच को हिंदी भाषा में ट्रांसलेट करने का प्रयास किया जाएगा ताकि शहर के ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सके। 

 

हैदराबाद से आए वक्ता व साहित्यकार जी नरसिम्हा राव ने आधुनिक जीवन शैली को कैसे बेहतर बनाया जाए इसकी व्याख्या करते हुए कहा कि वह रुढ़ीवादी विचारों के खिलाफ है। परिजन की मौत के बाद साल भर तक मंदिर नहीं जाना व शुभ कार्यों में भाग नहीं लेना रुढ़ीवादी है तेरहवीं के बाद चौदहवें दिन से लोगों को मंदिर में जाना चाहिए। ने व्यस्त जीवन में लोगों को सेल्फी व आत्म प्रचार से दूर रहने की सलाह दी। व दशावतार के बारे में बताया। उन्होने कहा कि बच्चों को अपने मां पिता का आदर करना चाहिए हमें अपनी संस्कृति से विमुख समाज को पतन की ओर ले जाएगी। 

इस अवसर पर कुल 446 महिलाओं ने 6 घंटे तक 39.4 लाख ललिता सहस्त्रनाम पाठ किया। ज्ञात हो कि आने वाले 16 अप्रैल को नीमपुरा कनक दुर्गा मंदिर में भी सहस्त्र नाम पाठ का आयोजन होगे। 

कार्यक्रम को सफल बनाने में में तेलुगु कम्युनिटी के मीडिया प्रभारी एम मुरलीधरन, एन.सी.एस.एस राव, आर किशोर, पी कन्हैया, बी. भाष्कर राव, डीके राव, बी रामकृष्णा, एनएस शर्मा व अन्य सक्रिय रहे।  

   

Kharagpur turned into a Vatican town for a couple days on 16th & 17th March, 2024. The chilling morning’s gentle breeze was convoluted with the mesmerizing echoes of mantras and aroma of divinity. The atmosphere remained quite pleasant and joyful despite repeated rain forecasts by weather department. The old Settlement Balaji Temple complex remained as center of attraction both the days, decorated with the festoos flowers and mango leaves all around the temple. Colourful Stage was erected for cultural programme and religious discourses by Dr.Garikapati Narasimha Rao garu.

Kharagpurians eagerly waited with leaping enthusiasm for the holy arrival of the Padmashree Dr Garikapati Narasimharao Rao garu, the religious orator.
Box type seating arrangements were made according to the Category wise of Devotees, near the shrine.

The discourses were attended by thousands of devotees from the length and breadth of Kharagpur and also from different stations with full of devotion.

Female devotees have chanted 40 Lac Lalita saharsa namas of Goddess Lalitamata with pomp and pageantry.

Elobarate arrangements were made at the shrine complex during these two auspicious days so that no untoward incidents be taken place.

The weather was glorious and there was no rain during these couple of days, as anticipated.
All the programmes were executed as per schedule and in time.

The entire credit goes to the organisers and Balaji Temple Committee members who have meticulously executed the sacred event and made it grand success.

 

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