आजादी के 76 साल बाद भी खड़गपुर शहर का वार्ड नंबर 32, रेल मंडल कार्यालय से महज कुछ ही दूरी पर रेलवे नेटवर्क से घिरा है, लेकिन रेल प्रशासन की सुध नहीं आई है। इसलिए खड़गपुर शहर आरामबत्ती पश्चिम के लोगों की संयुक्त समिति द्वारा पिछले साल मार्च महीने से आंदोलन शुरू किया गया था.
पिछले साल 17 अप्रैल को डीआरएम कार्यालय में 10,500 लोगों के हस्ताक्षर लेकर एक विरोध प्रतिनिधिमंडल आयोजित किया गया था, जिसमें एक तरफ 6-लाइन क्रॉसिंग पर एक अंडरपास और दूसरी तरफ 2-लाइन क्रॉसिंग पर एक फ्लाईओवर की मांग की गई थी। मामले की जानकारी राज्य प्रशासन के अधिकारियों और जिले तक के जन प्रतिनिधियों को दी गयी. रेलवे अधिकारियों से लगातार बातचीत होती रही. लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकला. अतः समिति ने इस बार फिर उग्र आंदोलन में शामिल होने का निर्णय लिया।
सैकड़ों की संख्या में स्थानीय निवासियों सहित छोटे-छोटे छात्र-छात्राओं एवं स्कूली शिक्षकों ने डीआरएम कार्यालय पर प्रदर्शन एवं प्रतिनिधिमंडल किया. और पहले ही घोषणा कर दी गई थी कि अगर इस वित्तीय वर्ष में इस अंडरपास और फ्लाईओवर को मंजूरी नहीं मिली तो आंदोलन की सालगिरह के मौके पर 17 अप्रैल को एक निश्चित अवधि के लिए अरामबाती में रेल नाकाबंदी की जाएगी. आज की बैठक में मेदिनीपुर जिले के प्रमुख परोपकारी सुजॉय हाजरा, खड़गपुर के नेता अनिल दास, पार्षद मुकेश हामने, पूर्व पार्षद सनातन यादव और सिद्धेश्वरी हाई स्कूल के शिक्षक और अन्य लोग शामिल हुए। समिति की ओर से अनिल दास, मुकेश हामने, दीनबंधु नायक, दीनमणि मुखर्जी, बाबू शील व अन्य ने रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के मंडल प्रमुख से मुलाकात की. और चर्चा सार्थक है.
अधिकारी ने कहा कि हमें यकीन है कि आरामबत्ती की यह मांग इसी वित्तीय वर्ष में पूरी हो जायेगी. समिति ने घोषणा की कि अधिकारियों को 100 प्रतिशत भरोसा है कि क्षेत्र के लोगों को अधिक समय तक परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. मांग पूरी नहीं होने पर सभी बाधाओं को पार करते हुए 17 अप्रैल को रेल चक्का जाम किया जायेगा.
লাইনের উপর ট্রেন দাঁড়িয়ে থাকে, তাই স্কুলে সময়ে পৌঁছাতে পারি না আমরা। সময়ে স্কুলে যেতে চাই, এই আবেদন নিয়ে বাবা মা স্কুলের স্যারদের নিয়ে খড়গপুরের রেলের ডিভিশন অফিসের বাইরে এসে উপস্থিত আরামবাটির ছাত্রছাত্রীরা।
স্বাধীনতার ৭৬বছর পরেও রেলের ডিভিসন অফিস থেকে ঢিলে ছোড়া দূরত্বে খড়গপুর শহরের ৩২নম্বর ওয়ার্ড রেললাইনের জালে আবদ্ধ হয়ে থাকলেও রেল প্রশাসনের হুস ফেরেনি। তাই খড়গপুর শহর আরামবাটি পশ্চিমাঞ্চল জনগণের যৌথ কমিটি করে আন্দোলন শুরু হয় গতবছর মার্চ মাস থেকে। আরামবাটির একদিকে ৬টি লাইনের ক্রসিংএ আন্ডারপাস এবং অন্যদিকে ২টি লাইনের ক্রসিংএ ফ্লাইওভারের দাবিতে সাড়ে দশ হাজার মানুষের সই সংগ্ৰহ করে গত বছর ১৭ই এপ্রিল DRM অফিসে বিক্ষোভ ডেপুটেশন হয়।খড়গপুর থেকে শুরু করে দিল্লির রেল বোর্ড পর্যন্ত গণ ডেপুটেশন দেওয়া হয়।
জেলা পর্যন্ত রাজ্য প্রশাসনের আধিকারিক এবং জনপ্রতিনিধিদের বিষয়টি অবগত করা হয়। মাঝে রেল আধিকারিকদের সঙ্গে নিয়মিত আলোচনা চলতে থাকে। কিন্তু সমস্যার সমাধানের সদুত্তর পাওয়া যায়নি। তাই আবার কমিটি সিদ্ধান্ত নেয়, এবার জঙ্গি আন্দোলনে সামিল হতে হবে। আজ শত শত এলাকাবাসীদের নিয়ে ছোট ছোট ছাত্র ছাত্রীদের সঙ্গে বিদ্যালয়ের শিক্ষকদের নিয়ে DRM অফিসে বিক্ষোভ প্রদর্শন ও ডেপুটেশন দেওয়া হয়। এবং আগাম ঘোষণা করা হয় এই অর্থবর্ষে যদি এই আন্ডারপাস এবং ফ্লাইওভার অনুমোদন না হয় তাহলে আন্দোলনের বর্ষপূর্তি উপলক্ষে আগামী ১৭ই এপ্রিল অর্নিদিষ্ট কালের জন্য আরামবাটিতে রেল অবরোধ হবে। আজকের এই সভায় উপস্থিত ছিলেন মেদিনীপুর জেলার বিশিষ্ট সমাজসেবী সুজয় হাজরা, খড়গপুরের লড়াকু নেতা অনিল দাস, কাউন্সিলর মুকেশ হামনে, প্রাক্তন কাউন্সিলর সনাতন যাদব সহ আরামবাটির সিদ্ধেশ্বরী হাইস্কুলের শিক্ষকবৃন্দ সহ অন্যান্যরা। কমিটির পক্ষ থেকে অনিল দাস, মুকেশ হামনে, দীনবন্ধু নায়েক, দীনমণি মুখার্জি, বাবু শীল সহ অন্যান্যরা রেলের ইঞ্জিনিয়ারিং বিভাগের ডিভিশনাল প্রধানের সঙ্গে সাক্ষাৎ করেন। এবং আলোচনা সদর্থক হয়। আধিকারিক জানান যে এই অর্থবর্ষে আরামবাটির এই দাবি পূরণ হবে আমরা নিশ্চিত।
কমিটির পক্ষ থেকে ঘোষণা করা হয় যে আধিকারিক একশো শতাংশ কনফার্ম থাকতে বলেছেন, যে ওই এলাকার মানুষদের খুব বেশি দিন কষ্ট করতে হবে না। যদি না দাবি মানা হয় সব বাধা অতিক্রম করে আগামী ১৭ই এপ্রিল রেল অবরোধ হবেই।