खड़गपुर रेल मंडल के बालेश्वर में हुए रेल हादसे के चार महीने बाद आखिरकार 28 अज्ञात शवों की अंत्येष्टि कर दी गई। जानकारी के अनुसार उक्त शवों के लिए कोई दावेदार नहीं मिलने से कानूनी प्रक्रिया अपनाकर सामूहिक अंत्येष्ट भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने कर दिया। अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार का काम मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक चली।
उक्त कार्य में स्थानीय महिला स्वयंसेवकों की मदद ली गई। जिसके बाद महिलाओं ने उक्त कार्यों में योगदान के लिए अवसर देने पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि मृतक इंसान थे और उनका अंतिम संस्कार सम्मान के साथ किया गया। शव को बीते चार महीने से संरक्षित कर रखा गया था हांलाकि शव पुरुष के थे या महिला के यह भी पहचान संभव नहीं था इसलिए शवों के डीएनए को संरक्षित कर रखा गया।
अज्ञात शवों का उड़ीसा व केंद्र सरकार तथा मानवाधिकार आयोग के नियमों को ध्यान में रखते हुए अंतिम संस्कार किया गया व पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई।
जानकार के मुताबिक कुल एम्स में आए लाशों में से 81 की लोगों ने शिनाख्त नहीं की थी जिसमें से 53 डीएनए प्रोफाईल से पुष्टि कर शव परिजन को सौंप दाय गया था जबकि 28 शव रह गए थे।
ज्ञात हो कि जून के प्रथम सप्ताह में कोरोमंडल, मालगाड़ी व एसएमवी बेंगलूरु एक्सप्रेस आपस मे टकरा गई थी जिसमें लगभग 296 लोगों की मौत हो गई थी। प्रधानमंत्री मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, बंगाल के मुख्यमंत्री ममता ने घटनास्थल का दौरा किया था।