श्रीनू नायडू हत्याकांड में रामबाबू, शंकर राव सहित सभी 13 आरोपियों के बाइज्जत बरी हो गया है. मेदिनीपुर जिला अदालत के चतुर्थ अपर सेशन जज मंदाक्रांता साहा ने मंगलवार को सभी आरोपियों को साक्ष्य अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया।
ज्ञात हो कि 11 जनवरी 2017 को खड़गपुर के तृणमूल पार्षद के पति व माफिया श्रीनू नायडू की नई खोली स्थित पार्टी दफ्तर में बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। जिसमें श्रीनू के सहयोगी धर्मा राव की भी मौत हो गई थी जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने रामबाबू समेत कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था।
तत्कालीन एसपी भारती घोष की टीम ने मामले में रेल माफिया बासब रामबाबू को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया था।फैसला सुनने के बाद , सरकारी पक्ष के वकील समर नायक ने कहा कि निचली अदालत फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। अदालत में फैसले सुनने के बाद रामबाबू ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इंसाफ मिला हांलाकि फैसले आने से पहले प्रतिक्रिया थी ऊपर वाला ही बता सकता है। इधर श्रीनू की पत्नी पूजा ने भी फैसले पर निराशा जताते हुए ऊपरी अदालत में जाने की बात कहते हुए कहा कि जब उसे ही न्याय नहीं मिला तो वे भला लोगों को कैसे न्याय दिलाएंगी। उन्हें भरोसा दिया गया था कि न्याय मिलेगा जो कि नहीं हुआ। फैसला के बाद अब लोगों में इस बात की चर्चा है कि आखिरकार रामबाबू व अऩ्य लोग जेल से बाहर कब आएंगे। जानकारो के अनुसार रामबाबू को श्रीनू मामले में जमानत मिली है चूंकि कई लोग अन्य मामलोमें भी आरोपित है उसके अनुसार ही जेल से बाहर आना होगा।
बी रामबाबू, शंकर राव के अलावा जिन 11 लोगों को बरी किया गया है उसमें शामिल है के कृष्णा राव, संजय कुमार, राजू सिंह, राधेश्याम सिंह, राजेश शा अऱुण खुमार, नंदलाल दास, जान फ्रांसिस, बरुण घोष, मो जसीम व वाई बाला।
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 447/302/307/326/ 201/212/ 120B/ 34 व अन्य कई सेक्शन शामिल है जिसके तहत मामला दर्ज किया गया था।