मायके वालों को रीता कर गई छत्तीसपाड़ा की रीना, रीना की अंतिम संस्कार में उमड़े लोग, पति सहित अन्य पांच न्यायिक हिरासत में  

 

खड़गपुर, पुरातन बाजार के खटिक मोहल्ला में मां मनुआ देवी को अभी भी आस है कि उसकी बेटी उसके पास वापस आएगी पर नियति को यह मंजूर नहीं। रह रह कर रीना की नाम ले सुबक उठती है मां मनुआ देवी कभी बेटा तो कभी ननद तो कभी परिवार के दूसरे लोग आस बंधांते हैं पर दिल तो मां का है कहां मानने वाली, फिर फफक पड़ती है बेटी की याद में।

ज्ञात हो कि आग में जलने के बाद कोलकाता के पीजी में इलाज करा रही रीना सोनकर की जिंदगी व मौत की लड़ाई आखिरकार हार गई।  कोलकता के पीजी अस्पताल में मौत होने के बाद भवानीपुर थाना ने शव को बरामद कर अंत्यपरीक्षण कराया व शव मायके वालों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया। शुक्रवार की रात शव जब पुरातन बाजार आई तो शव को देखने लोगों की भारी भीड़ उमड़ी खरीदा मंदिर तालाब श्मशान घाट में दो भाईयों में बड़े भाई ने रीना को मुखाग्नि दी।

छोटे भाई विकास का कहना है कि तीन साल पहले शादी हुई तो उनलोगों ने सोचा कि बेटी खुशहाल रहेगी पर क्या पता था इतनी जल्द ऐसा दिन देखने को पड़ेंगे मायके वाले मामले के लिए पति के विवाहेत्तर संबंध को भी मूल कारण बता रहे हैं हांलाकि जांच में जुटी पुलिस फिलहाल सभी एंग्ल से जांच कर रही है पुलिस का कहना है कि जांच जारी है अभी कोई ठोस नतीजा नहीं कहा जा सकता। पुलिस का कहना है कि चूंकि जलने के बाद रीना की मौत हो गई इसलिए गिरफ्तार लोगों के खिलाफ धारा 304 बी के खिलाफ भी मामला होगा।

पुलिस घटना के बाद रीना की मां मनुआ देवी की शिकायत के आधार पर पति मनोज सोनकर, सास शांति देवी, जेठ शिव कुमार व मुन्ना प्रसाद तथा नाबालिग देवर को गिरफ्तार किया था जिसमें से पति मनोज को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था जिससे पूछताछ के बाद खड़गपुर महकमा अदालत में पेश करने पर उसे भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया पहले से तीन लोग न्यायिक व नाबालिक देवर जुवेनाईल कस्टडी में है। पुलिस सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 498/ए, 326, 307, 34बी व 4 डीपी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

इधर ससुराल पक्ष का मानना है कि रीना के आग से जलने में उनलोगों का कोई हाथ नहीं है। जांच अधिकारी नीमपुरा थाना प्रभारी तपन सिंह महापात्रो ने बताय कि मामले की जांच चल रही है पति को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 

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