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सीनियर सिटीजन अपने बच्चों से ही सबसे ज्यादा असुरक्षित: इंद्राणी, सीनियर सिटीजन की शारीरिक, मानसिक व सामाजिक सुरक्षा के लिए खड़गपुर में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

 

✍️ रघुनाथ प्रसाद साहू /9434243363

खड़गपुर, परिवार में छीजती रिश्ते, आधुनिकता, प्रोफेशनलिज्म व नितांत व्यक्तिवाद के इस युग में औल्ड एज होम एक नितांत सच्चाई बन गई है। इसी सच्चाई को भांपते हुए बूढ़ों के लिए शारीरिक मानसिक व सामाजिक सुरक्षा के लिए खड़गपुर शहर के इंदा स्थित अतिथि लाज में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें मेदिनीपुर व झाड़ग्राम जिले के ओल्ड एज होम में कार्यरत व एनजीओ से जुड़े 20 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे बूढ़ं बूढ़ियों को बेहतर तरीके से पारिवारिक माहौल में रखा जाए।

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ सोशल डिफेंस, मिनिस्ट्री आफ सोशल जस्टिस एंड एमपावरमेंट तथा कोलकाता के मेट्रोपोलिट इंस्टीट्यू आफ टेकनोलोजी प्रशिक्षण शिविर आयोजित की है जिसमें खड़गपुर अस्तित्व सोसायटी सहयोग कर रही है। डा. इंद्राणी चक्रवर्ती ने प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज के युग में वृद्ध मां पिता को किसी चोर उचक्कों से डर नहीं है बल्कि अपनी संतानों से डर है।

उपभोक्तावाद से ग्रस्त बच्चे ही अपने बुजुर्गों के लिए चुनौती बना हुआ है। इस अवसर पर खड़गपुर महकमा सूचना व संस्कृति अधिकारी शुभायन हक ने भी बुजुर्गों के साथ होने वाले व्यवहार पर चिंता जाहिर की। इस अवसर पर सुप्रीय चक्रवर्ती, तानिया दत्त लाहा, संगमित्रा, प्रसेनजित दे  व अन्य ने भी अपने विचार रखे।       

 

National Institute of Social Defense, Ministry of Social Justice and Empowerment, Government of India, Kolkata Metropolitan Institute of Technology, Kharagpur, organized a training camp on physical, mental and social security of 64-year-olds at Guest Hall in Inda area of ​​Kharagpur city.

খড়্গপুরের সামাজিক সংগঠন খড়গপুর অস্তিত্ব সোসাইটির সাহায্যে এই প্রশিক্ষণ দিচ্ছেন বিভিন্ন প্রশিক্ষক।পশ্চিম মেদিনীপুর জেলার 10 টি সামাজিক সংগঠনের 2জন করে সমাজকর্মী মোট 20জন এই প্রশিক্ষণ নিচ্ছেন। বার্ধক্য বিজ্ঞান বা জেরেনটোলজি বর্তমান সময়ে খুব প্রাসঙ্গিক একটি বিষয়। ভারতের 16 কোটি মানুষ বৃদ্ধ আছেন ।তাদের জন্য কেয়ার গিভার তৈরি করাই এই প্রশিক্ষণের মূল উদ্দেশ্য। 5 দিনব্যাপী এই প্রশিক্ষনে উপস্থিত থাকছেন ভারতের বার্ধক্য অধিকারের অন্যতম পথিকৃত ড: ইন্দ্রানী চক্রবর্তী,জেরেনটোলজিস্ট সুপ্রিয়া চক্রবর্তী প্রসেনজিৎ বর্মন,ড: তানিয়া দত্ত নাহা ও অন্যান্য প্রশিক্ষকরা। আয়োজক সংস্থার পক্ষ থেকে প্রসেনজিৎ দে বলেন পশ্চিম মেদিনীপুর জেলার বয়স্ক মানুষদের পরিষেবার জন্য প্রশিক্ষিত সমাজ কর্মী তৈরি করার আরো উদ্যোগ নেওয়া হবে। অস্তত্বের সম্পাদিকা সংঘমিত্রা দে বলেন আমরা ভবিষ্যতে আরো অনেক এনজিওকে প্রশিক্ষণ দেওয়ার ব্যবস্থা করব। উদ্বোধনে উপস্থিত ছিলেন মাননীয় তথ্য সংস্কৃতি আধিকারিক শুভায়ন হক।

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