✍️ रघुनाथ प्रसाद साहू/9434 243363
खड़गपुर, पौर-सभा के 35 वार्डों के लिए 2 करोड़ 71लाख की राशि मंजूर की गई है जिससे ए कैटेगरी के 22 वार्डों को 9 लाख प्रति वार्ड , बी कैटेगरी 4 वार्डों को 7 लाख प्रति वार्ड एवं सी कैटेगरी के 9 वार्डों को 5 लाख रुपए प्रति वार्ड आवंटित किए गए यह राशि अनटाएड फंड में मिली हुई 3 करोड 42 लाख 44 हजार में से आवंटित की गई इसके अलावा है रेल के वार्डों को जल निकासी व पाइपलाइन की मरम्मत के लिए ₹60000 प्रति वार्ड दिए गए। टाएड फंड के 5 करोड 13 लाख एवं 60 हजार की राशि जल परियोजना एवं साफ-सफाई के लिए समान रुप से एलॉट किए जाने का निर्णय लिया गया लेकिन कब और कैसे यह राशि खर्च होगी इस विषय में बोर्ड मिटिंग में कोई चर्चा नही हुई . यह अवश्य बताया गया कि दोनों विभागों के स्टैंडिग कमिटि के निर्देश अनुसार ही खर्च किया जाएगा .
विरोधी दल नेता विष्णु बहादुर कामी ने बताया – ” एक वर्ष के बाद विकास कार्य का फंड आया वह भी इतना कम कि कहना मुश्किल है इससे कितना कार्य कर पाना संभव होगा ” उन्होने आगे कहा – “अनटाएड फंड मे से 71 लाख 44 हजार की राशि वितरित न कर पौर सभा के फंड में क्यों रखा गया पता नही. बोर्ड – मिटिंग में इस पर कुछ स्पष्ट नही किया गया ” फिर भी मिली जानकारी मुताबिक बची हुई 71 लाख 44 हजार की राशि साफ-सफाई , जल वितरण एवं लाईटिंग के बावत केन्द्रीय तौर पर खर्च की जाने की योजना है दूसरी ओर भाजपा पार्षद अनुश्री बेहरा का कहना है – ” एक वर्ष विलंब से आए अत्यल्प विकास फंड से विकास के कोई भी कार्य सटिक तरीके से कर पाना संभव नही होगा . अतः समस्या जहां का तहां है साथ ही बोर्ड मिटिंग में प्रत्येक वार्ड में एक बोरिंग के लिए फंड आवंटित करने का प्रस्ताव दिए जाने पर परिचालक गण कोई प्रतिक्रिया नही दिए.”
इन विषयों पर उप-पौर-प्रधान तैमूर अली खान का कहना है – ” मिले हुए अनटाएड फंड की अधिकांश राशि आवंटित कर दी गई है लेकिन टाएड फंड का 5 करोड़ 13 लाख 60 हजार रुपए खर्च के संबंध में बोर्ड मिटिंग मे कोई चर्चा नही हुई . यह फंड जल-वितरण , साफ-सफाई पर खर्च के लिए रखी गई है जिस पर कोई भी योजना इन दो विभागों के स्थाई कमिटि तैयार करेगी .” उनका कहना है कि ” पौर-सभा को प्राप्त हुए फंड का का पार्षर्दों में नियम अनुसार वितरण कर दिया गया है। हालाकि उम्मीद मुताबिक विकास के लिए अनिवार्य फंड न पाकर कुछ पार्षद खासे क्षुब्ध हैं। इधर बोर्ड मीटिंग से प्रदीप सरकार व राजू गुप्ता अनुपस्थित रहे। हिरण ने सन 11 से नगरपालिका को मिले फंड व उसके खर्च के बारे में जानना चाहा तो कहा गया कि इसके लिए उसे आरटीआई का सहारा लेना पड़ेगा।