The Kharagpur Town Police is investigating the case of untimely death of a student at IIT, Kharagpur.
In another part of investigation we found some elements of ragging in IIT, Kharagpur.On this serious issue, we have started a specific suo motu case under the proper sections of law ( Indian Penal Code and The West Bengal Prohibition of Ragging in Educational institution Act 2000) against five students, one teaching faculty member, and one ex-warden of IIT, Kharagpur. Kharagpur Town Police will take lawful and stringent actions against them. If any such incidents of ragging occurs in any educational institution, Paschim Medinipur District Police will deal with them appropriately, said Biswaranjan Banerjee I/C KGP Town.
आईआईटी के प्रोफेसर, विद्यार्थी व पूर्व वार्डन के खिलाफ रैगिंग निरोधी मामला दर्ज, फैजान हत्याकांड जांच में आया नया मोड़
खड़गपुर, आईआईटी खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद के मौत के केस मामले में खड़गपुर टाउन थाना पुलिस स्वतः संज्ञान ले West Bengal Prohibition of Raggign in Educational Institution Act 2000 के विशेष कानूनों के तहत 5 छात्रों एक शिक्षक व एक भूतपूर्व वार्डन के खिलाफ मामला दायर की गई है . खड़गपुर टाउन थाना प्रभारी विश्वरंजन बनर्जी ने बताया कि फैजान मामले के बाद वार्डन को बदल दिया गया था उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि फैजान के खिलाफ रैगिंग हुई थी। पुलिस आरोपी के साथ उचित कार्रवाई करेगी। .
ज्ञात हो कि कोलकाता हाईकोर्ट ने खड़गपुर आईआईटी के छात्र फैजान अहमद के मौत की अंत्यपरीक्षण की रिपोर्ट पुनः जानने के लिए , सेवानिवृत्त अनुभवी डॉ . ए. के गुप्त को नियुक्त किया और आईआईटी खड़गपुर को पुनः हलफनामा देकर जवाब दाखिल करने का निर्देश विचारक राजशेखर मांथा ने दिए हैं . मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होनी है . मामले से जुडे सारे कागज़ात डॉ ए.के. गुप्त को हस्तांतरित कर देने का निर्देश दिया . इस पर राज्य के एडवोकेट जनरल अदालत को बताया कि मामले में आईआईटी , शिक्षक , छात्र व पुलिस इन चार वर्गों की भूमिका पर गौर किया जाना है . फरवरी में रैगिंग की घटना घटी थी लेकिन कोई कदम नही उठाया गया . घर पर नेट की असुविधा के कारण छात्र फैजान ग्रीष्मकालीन अवकाश में होस्टल में ही रुक गया था .न्यायाधीश ने कहा – पी. एम .रिपोर्ट पर भरोसा नही किया जा सकता “. अतः पी.एम. रिपोर्ट की पुनः समीक्षा रिपोर्ट के लिए अनुभवि डॉक्टर ए. के. गुप्त को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने दायित्व दिया है .ज्ञात हो कि बीते 14 अक्टूबर को मेकानिकल इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष के छात्र फैजान की सड़ी गली लाश पुलिस ने लाला लाजपत राय हाल से जब्त किया था।